पूछताछ करते ही खुल गई बिना टिकट यात्रा कर रहे दीवान जी की पोल

पूछताछ करते ही खुल गई बिना टिकट यात्रा कर रहे दीवान जी की पोल

मथुरा। पुलिस कांस्टेबल बनकर रेल में बिना टिकट यात्रा कर रहे नटवरलाल को जब मजिस्ट्रेट ने शंका होने पर दबोच लिया तो पूछताछ में सारी पोल पट्टी खुल गई। बिना वर्दीधारी कांस्टेबल के पास मिला आईडेंटिटी कार्ड भी उसकी तरह फर्जी ही निकला। पुलिस ने लिखा पढ़ी कर वर्दीधारी नटवरलाल को जेल भेज दिया है।

दरअसल रेलवे मजिस्ट्रेट अपनी टीम के साथ ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों के खिलाफ चेकिंग अभियान चला रहे थे। इसी दौरान हजरत निजामुद्दीन से चलकर जबलपुर जाने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस जैसे ही मथुरा स्टेशन पर पहुंची तो मजिस्ट्रेट की टीम ने रेलगाड़ी की चारों तरफ से घेराबंदी करते हुए यात्रियों के टिकट चेक करने शुरू कर दिये।

एक व्यक्ति से जब टिकट के बारे में पूछा गया तो उसने खुद को पुलिस कांस्टेबल बताया। श्रीधाम एक्सप्रेस के कोच संख्या 57 में यात्रा कर रहे व्यक्ति से जब पहचान पत्र मांगा गया तो उसने फटाफट टीम को अपना पहचान पत्र भी दिखा दिया। पहचान पत्र की जांच किए जाने पर जब युवक के ऊपर शक हुआ तो रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा कड़ाई सेे पूछताछ की गई जिसमें वह फर्जी पुलिसकर्मी निकला। रेलवे मजिस्ट्रेट ने तत्काल फर्जी पुलिसकर्मी को जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया है। पकड़ में आए नटवरलाल का नाम नवेंद्र कुमार निवासी झींगुरा कोका थाना चंदपा हाथरस बताया गया है।

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