चुनौतियों का वेलकम कर की गुड पुलिसिंग- आईपीएस अजय को मिला अवार्ड

चुनौतियों का वेलकम कर की गुड पुलिसिंग- आईपीएस अजय को मिला अवार्ड

फिरोजाबाद। आईपीएस अजय कुमार बड़ी नौकरी छोड़कर आईपीएस की तैयारी में जुट गये थे। उनका लास्ट अटैम्पट बचा हुआ था। रिस्क लेते हुए अच्छी-खासी नौकरी को छोड़कर वे सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिये दुबई से देश की राजधानी लौट आये थे। उन्होंने 11 महीने के कठिन परिश्रम के बाद सिविल सर्विसेज की परीक्षा को उत्तीर्ण किया और वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अफसर बने।

आईपीएस अजय कुमार कई जनपदों की कमान संभालकर एक अच्छी पारी खेल चुके हैं। अब उनको शासन दोबारा कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिये जनपद फिरोजाबाद की कमान सौंपी है। इससे पहले भी वह जनपद फिरोजाबाद के एसपी रह चुके हैं। जनपद में आते ही उन्होंने अपराधियों में तहलका मचा दिया है। अपराध का ग्राफ नीचे की ओर गिरने लगा है। इसमे ब्लाइंड मर्डर का खुलासा हो या किसी पीड़ित की शिकायत का निस्तारण या फिर अपराधियों पर शिकंजा, वह हर मोड पर गुड़ पुलिसिंग करना जानते हैं। आईपीएस अजय कुमार को शासन ने उनकी गुड पुलिसिंग के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर डीजीपी का प्रशंसा चिह्न (कमन्डेशन डिस्क) प्रदान किया है।

आईपीएस अजय कुमार ने उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में बंश बहादुर के परिवार में 12 मार्च 1981 को जन्म लिया था। आईपीएस अजय कुमार अपने पिता के पांचवे बेटे हैं। उन्होंने 10 साल की उम्र में पढ़ाई की शुरू की थी। पहले दिन स्कूल में टीचर की पिटाई का डर मन में बैठ गया था। इसलिये उनके ताऊजी ने चौथी तक की पढ़ाई उनकी घर पर ही कराई। उसके बाद 5वीं में उन्होंने गांव के हिंदी मीडियम विद्यायल में प्रवेश ले लिया था और 8वीं तक अव्वल आते रहे। आईपीएस अजय कुमार ने 10वीं में जिला टाॅप किया था। इंटरमीडिएट की शिक्षा जनपद के कृषक इंटर काॅलेज से पूरी की।


उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी कर उत्तर प्रदेश में टाॅप 100 में जगह बनाई थी। एचबीटीआई कानुपर से उन्होंने इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग में उन्हें एल.जी. कंपनी द्वारा 27 पैरामीटरों पर आंका गया, जिसमें उन्हें बेस्ट स्टूडेंट के लिये गोल्ड मेडल से नवाजा गया था। कंपनी ने उन्हें तमाम पैरामीटर में आंका और माना कि वे हर फील्ड में अव्वल हैं।

देश की बड़ी कंपनियों जैसे रिलायंस इंटस्ट्रीज लिमिटेड और गजरौला जुबीलेंट लाइफ सांइसेज में जाॅब किया। यहीं से उन्होंने प्लानिंग करना सीखा, फिर दो साल दुबई में रहे और अब समय आ गया था सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का। दुबई की जाॅब छोड़कर दिल्ली पहुंचे और पूरी मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गये। 11 महीने के अंदर उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम ने केवल पास किया, वरन ऑल इंडिया में 108वीं रैंक हासिल की। वह बचपन से ही सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे और उनका यह सपना साकार हो गया।

अजय कुमार साल 2011 बैच के आईपीएस अफसर बन गये। वे फिरोजाबाद, बरेली, शामली, मैनपुरी में कमान संभाल चुके हैं। शासन ने जनपद फिरोजाबाद में अपराध के ग्राफ को नीचे गिराने के लिये दोबारा उनको वहां भेजा है। आईपीएस अफसर अजय कुमार को अपराध का ग्राफ नीचे गिराने में माहिर अफसर माना जाता है। आईपीएस अफसर अजय कुमार के रहते हुए जनपद में कोई भी अपराध करता है, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या बदमाश, वह उनके चंगुल से बच नहीं पाता है। जनपद फिरोजाबाद में भी उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की है, जिससे अपराध में गिरावट आई है। उनकी पुलिसिंग को शासन द्वारा आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया है और उन्हें डीजीपी का प्रशंसा चिह्न दिया गया है।







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