फ्लैशबैक: जब दरोगा राहुल के प्रयास से बची थी बच्ची की जान, हुई थी वाह-वाह
शामली। तम में प्रकाश हूं, कठिन वक्त की आस हूं, हर वक्त तुम्हारे पास हूं, बुलाओ, मैं दौड़ी आती हूं, मैं खाकी हूं... ये लाइनें आईपीएस सुकीर्ति माधव द्वारा लिखी गई कविता की हैं लेकिन शरीर पर खाकी वर्दी पहने हुए बहुत सारे पुलिस अफसर व पुलिसकर्मी इन लाइनों को चरितार्थ करते हुए नजर आते हैं। कभी-कभी देखने में आता है कि किसी इंसान की जान बचाने के लिए पुलिस अफसर या पुलिसकर्मी ऐड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं। एक ऐसे ही उत्तर प्रदेश पुलिस के उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया भी हैं, जिन पर आईपीएस की कविता की ये लाइनें सटीक बैठ रही हैं क्योंकि ट्रक के नीचे आई दसवीं क्लास की गंभीर रूप से घायल स्टूडेंट की जान राहुल कुमार सिसोदिया के प्रयास से बची थी। उस दौरान राहुल कुमार सिसोदिया की गोद में एक बुरी तरह घायल बच्ची थी, जिसके खून से उनकी वर्दी भी लाल हो गई थी और उपनिरीक्षक राहुल उसे हॉस्पिटल ले जा रहे थे। जिसने भी यह दृश्य देखा था, उन लोगों ने राहुल कुमार सिसोदिया की प्रशंसा की थी। वहां खड़े कुछ लोग कह रहे थे कि पुलिस वाला हो तो ऐसा। बच्ची की जान बचने के बाद आर्थिक रूप से मदद करने के लिए राहुल कुमार सिसोदिया ने एक मुहिम भी चलाई थी।
यह बात उस वक्त की है जब उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया बदायूं जिले की बगरैन चौकी का दायित्व संभाले हुए थे। वर्तमान में उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया शामली जिले के थाना बाबरी के थानाध्यक्ष हैं। क्या थी यह पूरी घटना, पढ़िए खोजी न्यूज पर पूरी खबर...
गौरतलब है कि उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया जब बदायूं जिले की बगरैन चौकी के इंचार्ज थे, उस दौरान उन्हें एक दिन सुबह लगभग 7:00 बजे एक सूचना प्राप्त होती है कि दसवीं कक्षा की छात्रा के ऊपर ट्रक चढ़ गया है। सूचना पर राहुल कुमार सिसोदिया पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां पर देखा कि बच्ची के हाथ के ऊपर ट्रक का पहिया चढ़ा हुआ था।
आनन-फानन में उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया ने बच्ची को ट्रक के नीचे से बाहर निकाला, जिसका बहुत खून बह रहा था, जिस कारण बच्ची की हालत गंभीर थी। दसवीं क्लास की छात्रा की गंभीर हालत को देखते हुए उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया ने अपने बुद्धि कौशल का उपयोग कर अपने पुलिस कप्तान को कॉल किया और घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सर बच्ची की हालत बहुत गंभीर है और घटनास्थल सीएचसी लगभग 35 किलोमीटर दूर है, जहां से भी बच्ची को उपचार के लिए बरेली जिले में रेफर ही किया जाएगा।
ऐसे हालातो में डबल दूरी का सफर करना होगा, जिस कारण बच्ची की जान भी जा सकती है। पुलिस कप्तान की अनुमति के बाद उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया अपने हाथों में बच्ची को उठाकर पीआरवी गाड़ी से बरेली जिले में पहुंचे, जहां पर उन्होंने एसपी देहात की मदद से एक अच्छे हॉस्पिटल में घायल बच्ची को एडमिट कराया।
उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया से डॉक्टर ने कहा कि बच्ची का खून बहुत बह चुका है। राहुल कुमार सिसोदिया ने डॉक्टर से रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि बिना हाथ काटे हुए किसी तरह बच्ची को बचा लीजिए। बच्ची के लिए राहुल कुमार सिसोदिया ने बच्ची के लिए खून उपलब्ध कराया, लेकिन डॉक्टर को मजबूरन बच्ची की जान बचाने के लिए उसका हाथ काटना पड़ा था क्योंकि उस बच्ची का हाथ बुरी तरह ट्रक के पहिए के नीचे कुचला गया था।
बच्ची का उपचार सफल होने के बाद उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया ने एक बच्ची की आर्थिक सहायता हेतु एक मुहिम चलाई, जिसके माध्यम से डेढ़ लाख रुपए एकत्रित कर बच्ची को दिए थे। बच्ची व उसके परिजनों ने उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया का आभार जताते हुए उन्हें खूब दुआएं दी थी।
उपनिरीक्षक राहुल कुमार सिसोदिया रक्षाबंधन के त्यौहार पर अपनी बहन के पास नहीं जा पाए थे तो उसी दिन वही बच्ची, जिसकी राहुल कुमार सिसोदिया ने जान बचाई थी, उनके पास आती है और उनके हाथों में राखी बांधकर उन्हें रक्षाबंधन की बधाई देती है।