फ्लैशबैकः इस कप्तान ने कराई थी 16 माह में 116 दोषियों को उम्रकैद
शामली। अपराधी द्वारा अल्प समय में ही किसी भी घटना को अंजाम दे दिया जाता है। यदि अपराध की वारदात को अंजाम देने वाले दोषियों को सजा नहीं मिलती है तो उनके हौंसले बुलंद हो जाते हैं। दूसरी तरफ पीड़ित परिवार व आमजन को पुलिस पर यह भरोसा रहता है कि पुलिस उनके विरूद्ध कार्रवाई कर आरोपी को न्यायालय के सामने पेश करेगी और दोषी सिद्ध होने पर अदालत अपराधी को सजा सुनायेगी। पीड़ित परिवार को शीघ्र इंसाफ न मिलने की वजह से कभी-कभी पीड़ित परिवार को काफी इंतजार के बाद यह सोचना पड़ता है कि आखिर उन्हें इंसाफ कब मिलेगा? इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस को अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने का आदेश दिया हुआ है।
शासन के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा गवाहों को साक्ष्य के लिए ससमय पेश कराया जाता है, जिससे अपराधी को उसके बुरे काम की सजा जल्द मिल जाये। अपराधी को सजा मिलने के बाद पीड़ित परिवार और आम जनता को यह संतुष्टि हो जाती है कि अपराध का अंजाम बुरा होता है, जिसने अपराध किया, उसको उसके किये की सजा मिल गई है। इससे सरकार और पुलिस के प्रति जनता में विश्वास कायम होता है।
देखा जाये तो उत्तर प्रदेश में पिछली सरकारों के मुकाबले अब अपराधियों को जल्द सजा मिल रही है। कुछ अफसर भी ऐसे होते हैं, जो सरकार के आदेशों पर तेजी से काम करते हैं। उनमें से एक अफसर हैं साल 2015 बैच के आईपीएस अफसर अभिषेक। आईपीएस अभिषेक झा ने शामली जिले का पुलिस अधीक्षक रहते हुए उनकी अगुवाई में शामली पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते 25 जून 2022 से 22 अक्टूबर 2023 तक यानी करीब 480 दिनों में न्यायालय द्वारा 45 अभियोगों में 116 अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं सभी अभियोगों में अदालत द्वारा 542 मुकदमों में 785 अपराधियों को सजा सुनाई गई थी।
गौरतलब है कि सजा कराये जाने के अभियान के दृष्टिगत शामली के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक के निर्देशन में थानों के पैरोकारों, कोर्ट मोहर्रिरों, सम्मन सेल, मॉनिटरिंग सेल द्वारा गवाहों को साक्ष्य के लिए ससमय पेश कराया गया। अभियोजन तथा मॉनिटरिंग सेल द्वारा शासन की प्राथमिकता के दृष्टिगत वादों को चिन्हित कर प्रभावी पैरवी की गई थी। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक के निर्देशन में जनपद के समस्त थानों व मॉनिटरिंग सेल द्वारा की गई प्रभावी पैरवी के चलते न्यायालय द्वारा 45 विभिन्न अभियोगों में 116 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। न्यायालय द्वारा पॉक्सों एक्ट के 16 अभियोगों में 24 अपराधियों को, महिला सम्बंधी अपराध के एक अभियोग में एक अपराधी को, विशेष श्रेणी के अपराध के 28 मुकदमों में 91 अपराधियों को सजा सुनाई गई थी, जिसमें शामली पुलिस ने गवाहों को साक्ष्य के लिये समय से पेश कर अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यदि सभी अभियोगों में शामली पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते अपराधियों को दिलाई गई सजा की बात की जाये तो 26 जून 2022 से लेकर 22 अक्टूबर 2023 तक न्यायालय द्वारा पॉक्सो एक्ट के 43 मुकदमों में 57 अपराधियों को, महिला सम्बंधी अपराध के 22 अभियोगों में 31 अपराधियों को, गैंगस्टर एक्ट के 28 अभियोगों में 51 अपराधियों को, शस्त्र अधिनियम के 154 अभियोगों में 156 अपराधियों को, एनडीपीएस एक्ट के 9 अभियोगों में 9 अपराधियों को, विशेष श्रेणी के अपराध के 38 अभियोगों में 116 अपराधियों को, अन्य भादवि एवं अन्य अधिनियम के अपराध के 248 अभियोगों में 365 अपराधियों को सजा सुनाई थी और साथ ही उन्हें अर्थदंड से भी दंडित किया गया था। शामली पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते अदालत द्वारा 542 मुकदमों में 785 अपराधियों को सजा सुनाई गई थी। आईपीएस अभिषेक झा अब वर्तमान में बिजनौर पुलिस कप्तान के रूप में पुलिसिंग कर रहे हैं।