निर्वाचन आयोग ने दिए 3 पुलिस अधिकारियों को पद से हटाने के निर्देश
अगरतला। निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने त्रिपुरा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को रानीर बाजार थाने के उपमंडलीय पुलिस अधिकारी, प्रभारी अधिकारी तथा जिरानिया थाना प्रभारी को पद से हटाने आदेश दिया है। आयोग ने इन सभी को राजनीतिक हिंसा के दौरान समय पर कार्रवाई नहीं करने के कारण पद से हटाने को कहा।
आयोग ने इसके साथ ही तीन विशेष पर्यवेक्षकों को भेजने का भी फैसला किया है और उन्हें स्थिति का जायजा लेने, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की उचित तैनाती सुनिश्चित करने, प्रवर्तन उपायों को तेज करने और आयोग को वापस रिपोर्ट करने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा के कांग्रेस प्रभारी डॉ अजॉय कुमार कथित रूप से जिरानिया में पार्टी की एक रैली के दौरान हमले में घायल हो गए थे।
आयोग ने बाद में, 19 जनवरी को इस घटना की जांच का आदेश दिया और त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को त्रिपुरा के मुख्य सचिव के माध्यम से डीजीपी से एक रिपोर्ट प्राप्त करने और 20 जनवरी को दोपहर तीन बजे तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा था।
निर्वाचन आयोग ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि त्रिपुरा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को यह बताना चाहिए कि राज्य में पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ कर्मियों को तैनात किए जाने के बावजूद स्थिति क्यों बिगड़ी।
आयोग ने कहा, "आयोग ने सीएस और डीजीपी को एसडीपीओ जिरानिया अनुमंडल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्हें निलंबित या हटाने के लिए कहा गया है। साथ ही रानी बाजार थाने के प्रभारी अधिकारी और जिरानिया थाना के प्रभारी अधिकारी को हटाकर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। "
आयोग ने सीएस और डीजीपी को राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को खतरे की आशंका का तुरंत आकलन करने और बिना किसी देरी के उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, "त्रिपुूरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह जिला चुनाव अधिकारियों को पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर राजनीतिक दलों को अनुमति देने की सुविधा प्रदान करें और बैठकों, रैली, रोड शो के लिए राजनीतिक दलों के आवेदनों के निपटान के लिए सुविधा ऐप को लोकप्रिय बनाएं।"
वार्ता