प्रमुख सचिव एवं DG जेल ने अफसरों से की मीटिंग- नहीं दी जाये विशेष सुविधा
लखनऊ। कारागार मुख्यालय के कंट्रोल रूम में निर्मित वीडियो वीडियो वॉल के माध्यम स राजेश कुमार सिंह प्रमुख सचिव कारागार एवं एस एन साबत पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार ने प्रदेश भर के सभी जेल अधिकारियों की वीसी के माध्यम से मीटिंग ली।
मीटिंग में जेल अधिकारियों को सर्वप्रथम संबोधित करते हुए एस एन साबत ने कहा कि कारागारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का बहुत महत्वपूर्ण अंग है और सभी को सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य करना है। जेलों में अनुशासन कायम करने के लिए तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग करना है प्रयास होगा कि अधिक से अधिक बंदी इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम के दायरे में लाये जाए. जेलों में निरुद्ध टॉप टेन और बड़ी जिलों में टॉप ट्वेंटी बंदियों की लिस्ट बनायी जाए और उनकी अचूक निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए. जेल स्टाफ़ में सत्यनिष्ठा जाँची जाए और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाए। किसी विशिष्ट बंदी को कोई विशेष अनुकंपा या सुविधा न दी जाये जेलों में टॉयलेट्स और नाइट टॉयलेट की संख्या आवश्यकता के अनुरूप बढ़ायी जाए तलाशी (चेकिंग-फ्रिस्किंग) व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन या पुलिस कमिश्नर के साथ तालमेल रखकर कार्य किया जाए, जेल प्रशासन और जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के मध्य उच्च श्रेणी का समन्वय हो, जेलों में शिथिल अनुशासन व्यवस्था और जेल कर्मियों की संलिप्तता के मामलों में शासन की जीरो टॉलरेंस की नीति को कठोरता से लागू किया जाएगा।
राजेश कुमार सिंह प्रमुख सचिव कारागार ने जेल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कि किसी बंदी विशेष को विशेष सुविधा नहीं दी जानी चाहिए। जेल के तालों की चाबियाँ केवल ड्यूटी पर तैनात जिम्मेदार जेल वार्डर के पास होने चाहिए। कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गजट अथवा ब्लूटूथ किसी भी कीमत पर जेल में नहीं होना चाहिए क्योंकि इनका प्रयोग सूचनाओं के आदान प्रदान में संभव है। बैरक बंद करने एवं खोलने के निर्धारित समय का अनुपालन अवश्य हो और इसमें किसी प्रकार की दिलाई नहीं होनी चाहिए, जिन कर्मचारियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं उनके द्वारा ड्यूटी के समय बॉडी वार्न कैमरे अवश्य धारण किए जाय किसी भी कैदी विशेष के लिए कोई विशेष भोजन तैयार न किया जाए, कैंटीन से अनाधिकृत सामान किसी बंदी विशेष को उपलब्ध न कराया जाए. एक आई डी पर केवल एक ही व्यक्त की मुलाकात होनी चाहिए, कारागारों में निरुद्ध बंदियों से पावर ऑफ अटार्नी लेकर रजिस्टी इत्यादि पर रोक लगायी जाए।
चित्रलेखा सिंह अपर महानिरीक्षक कारागार ने प्रमुख सचिव कारागार एवं पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार का आभार व्यक्त किया। बैठक में ए के सिंह उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय, अनिल कुमार गौतम अधीक्षक कारागार मुख्यालय सन्तोष कुमार वर्मा (पी०आर०ओ०) उपस्थित रहे।