डीजी जेल ने कारागार मुख्यालय में “ अमृत उद्यान “ कराया निर्मित

डीजी जेल ने कारागार मुख्यालय में “ अमृत उद्यान “ कराया निर्मित

लखनऊ। आज विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में कारागार मुख्यालय लखनऊ में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। जिसमें फलदार वृक्षों का एक “अमृत उद्यान“ बनाया गया। इस अवसर पर डीजी जेल एस एन साबत ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में कारागार मुख्यालय के प्रांगण में फलदार वृक्षों का सुन्दर “ अमृत उद्यान “ निर्मित कराया। इस अमृत उद्यान में उन्होंने मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों व संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जेल अधिकारियों के साथ आम ,चीकू ,जामुन , आंवला , लीची अंगूर आदि के पौधों का रोपण किया।


उनके साथ मुख्यालय में तैनात ए के सिंह उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय , शिवहरि मीणा एसएसपी / प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार , सुभाष चंद्र शाक्य एसपी / प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार , पी एन पांडे वरिष्ठ जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल फतेहगढ , चंद्रभूषण पांडेय वित्त नियंत्रक मुख्यालय ने भी वृक्षारोपण किया ।

इस अवसर पर डीजी जेल एस एन साबत ने संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षु जेल अधिकारियों से संवाद करते हुए पर्यावरण के प्रति सतत् संवेदनशील रहने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने प्रदेश के सभी जेल अधिकारियों को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्वयं का लिखा निम्नलिखित संदेश भी प्रेषित किया। डीजी जेल एस एन साबत ने कहा कि प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी 5 जून, को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान' (Solutions to Plastic Pollution) रखी गई है, जिसका उद्देश्य प्रकृति को प्लास्‍टिक मुक्त बनाना और पर्यावरण को बचाना है।


बदलते समय में जहां प्लास्टिक के सामानों, थैलियों का उपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है, अत: प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए ही इस बार की थीम रखी गई है। साथ ही इसे ऐसा भी समझा जा सकता है कि वन-जंगलों में अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर, उन्हें नया जीवन देना तथा जगह-जगह तालाब बनाकर वर्षा के पानी को संरक्षित करना है।

आइए जब जानते हैं हम कैसे मनाएं यह दिन-

1. प्रकृति से ही हम हैं, अत: इसके संरक्षण के लिए हमें वाहनों का प्रयोग कम से कम करके पैदल या साइकिल के अधिक उपयोग पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

2. प्रदूषण को जड़ से खत्म करने के लिए हमें कट रहे पेड़ों को संरक्षित करके उन्हें काटने से रोकना चाहिए तथा हर व्यक्ति को कम से दो-दो पौधे अवश्‍य लगाना चाहिए।

3. हमें प्रकृति सहेजने के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए तालाब, वन, नदी, जंगल, पशु-पक्षी और पहाड़ों का संरक्षण करना चाहिए।

4. ग्लोबल वार्मिग ओर जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाएं।

5. कोशिश करें कि हम घर पर एक पौधा अवश्य ही लगाएंगे।

6. घर-घर में स्वच्छता अभियान बढ़ाएंगे, लेकिन पेड़-पौधों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे।

7. वृक्षों को कटने से बचाने के लिए हमें पेड़ों से प्राप्त होने वाले पेपर, लिफाफे आदि की रीसाइक्लिंग करके दोबारा उपयोग योग्य बनाना चाहिए।

8. हमें अपने चारों ओर अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए तथा समय-समय पर उन्हें पानी, खाद देकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

9. रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक आदि का प्रयोग कम करते हुए घरेलू तरीके से बनी खाद का उपयोग बढ़ाना चाहिए तथा मिट्‍टी, जल और वायु को दूषित होने से बचाना चाहिए।

10. हमें पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

11. हमें प्लास्टिक की थैलियों पर निर्भर न रहते हुए पुराने कपड़े से बने झोले या थैलियों का उपयोग बढ़ाकर पर्यावरण के संरक्षण में हमारा योगदान देना चाहिए।

12. इसके अलावा घर के सभी सदस्यों (बच्चे, बूढ़े या जवान) को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कूड़े-कचरे को निर्धारित जगह पर फेंकने तथा पौधों का संरक्षण करने की सीख देंगे। ”





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