अपने ही जाल में फंसे CBI अफसर- रिश्वत मांगने पहुंचे थे श्रम विभाग
मेरठ। श्रम विभाग के कर्मचारियों से जांच करने के नाम पर 80000 रुपए ऐंठने वाले सीबीआई के तीन फर्जी अफसर अपने ही जल में फंस गए हैं। दबोचे गए तीनों नकली सीबीआई अफसर को लिखा पढ़ी करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब इनके अन्य साथियों की तलाश में दौड़धूप कर रही है।
शुक्रवार को पुलिस द्वारा की गई एक बड़ी कार्यवाही के अंतर्गत मेरठ के भावनपुर थाना क्षेत्र के लालपुर निवासी दीपक जो श्रम विभाग में काम करता है, से रूपयों की वसूली करने के मामले में तीन सीबीआई अफसरों को घेराबंदी करते हुए गिरफ्तार किया गया है जो जांच पड़ताल के बाद फर्जी होना पाए गए हैं।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक श्रम विभाग में तैनात दीपक ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि वर्ष 2023 के जुलाई महीने में तीन सीबीआई अफसर उसके घर पहुंचे थे, उस समय दीपक घर पर नहीं था। बाद में सीबीआई के अफसरो ने फोन कर उसे धमकाया कि सरकारी योजनाओं के फार्म भरवाने में तुम गड़बड़ी करते हो और तुम्हारे खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है।
तीनों ने जांच बंद करने के नाम पर दीपक से 80 हजार रुपए ले लिए। दो दिन पहले दोबारा से सीबीआई अफसर बने प्रदीप का दीपक के पास फोन आया और उसने जांच के नाम पर उससे 30000 रूपये के मांग की तथा नहीं देने पर जेल भेजे जाने का अल्टीमेटम दिया।
पुलिस ने दीपक की शिकायत पर मामले की जांच की तो प्रदीप के नाम का कोई भी सीबीआई अफसर नहीं मिला और ना ही दीपक के खिलाफ कोई जांच चल रही थी। जांच पड़ताल करते-करते पुलिस आज शुक्रवार को तीनों आरोपियों तक पहुंच गई। पकड़े गए आरोपी प्रदीप कुमार निवासी पबला इंचौली, बिजेंद्र पुत्र भरत सिंह निवासी गढ़ी मोहल्ला नई बस्ती अब्दुल्लापुर मेरठ, गुलफाम पुत्र शाहबुद्दीन निवासी शाहपुर हैं। तीनों नकली सीबीेआई अफसरों के पास से पुलिस को वैगनआर भी बरामद हुई है तथा सीबीआई के फर्जी आईकार्ड मिले हैं। कार पर सीबीआई की प्लेट भी लगी थी।