कप्तान अभिषेक का भय- क्राईम कैपिटल में क्रिमनल कर रहे अपराधों से तौबा

कप्तान अभिषेक का भय- क्राईम कैपिटल में क्रिमनल कर रहे अपराधों से तौबा

मुजफ्फरनगर। शासन ने क्राईम कैपिटल के नाम से फेमस जनपद मुजफ्फरनगर की कमान साल 2012 बैच के आईपीएस अफसर अभिषेक यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें सौंपी थी। आईपीएस अभिषेक यादव को जनपद के एसएसपी के पद पर कमान संभाले डेढ साल पूरे होने वाले हैं। एसएसपी के पद पर चार्ज संभालने के बाद पुलिस कस्टडी से लखटकिया बदमाश रोहित सांडू को उसके साथी छुड़ाकर ले गये थे। आईपीएस अभिषेक यादव ने बदमाश के प्रति अपने सख्त तेवर दिखाते हुए 14 दिन में रोहित सांडू को ढेर कर दिया था। उसी दौरान उन्होंने बदमाशों को अल्टीमेटम दिया था कि जो अपराधी जनपद में रहकर अपराध करेगा वह पुलिस कार्रवाई से बच नहीं पायेगा। उन्होंने कहा था कि अपराधी जनपद को छोड़ दें या फिर अपराध को छोड़ दें।

आईपीएस अभिषेक यादव की अगुवाई में पुलिस लगातार बदमाशों की चैखट पर दस्तक दे रही थी। अब तक कई बदमाश पुलिस की गोली का शिकार होकर घायल हो चुके हैं, तो कुछ यमराज के पास पहुंच चुके हैं। कई बड़े अपराधियों को पुलिस बड़ेघर की तरफ रवाना कर चुकी है। बदमाशों में पुलिस का इतना भय पैदा हो गया था कि वह पुलिस के डर से अपराध से तौबा करने लगे हैं। आईपीएस अभिषेेक यादव अपने दफ्तर में जनसमस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान रोहित सांडू को पुलिस कस्टडी से फरार कराने में शामिल 50 हजार के इनामी बदमाश विक्की राठी ने आईपीएस अभिषेक यादव के सामने सरेंडर कर दिया था। एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में ही तत्कालीन चरथावल थानाध्यक्ष सूबे सिंह यादव के सामने अपराधी हाथ उठाकर आये थे और भविष्य में अपराध न करने की कसम खाते नजर आये थे। चरथावल में तीन बदमाशों ने पुलिस के डर से आत्मसमर्पण किया था, यह एसएसपी की सख्त कार्यशैली से ही संभव हो सका। 30 दिसम्बर 2020 दिन बुधवार को ऐसे ही तीन भाईयों ने दर्जनों लोगोें के साथ पहुंचकर भोपा थानाध्यक्ष सूबे सिंह यादव के सामने अपराध से तौबा करते हुए शपथ पत्र देकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। आईपीएस अभिषेक यादव जनपद में क्राईम का ग्राफ गिराने में सफल रहे हैं।


चरथावल थाना क्षेत्र के गांव कुल्हेड़ी निवासी मौहम्मद दिलशाद उर्फ बब्बू पुत्र जमील अहमद ने 16 अक्टूबर को क्षेत्र के कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचकर थानाध्यक्ष सूबे सिंह यादव के सामने सरेंडर किया था। इस बदमाश ने शपथ पत्र देते हुए भविष्य में अपराध न करने की कसम खाई थी। उसी दौरान अपराधी दिलशाद ने कहा था कि जनपद में चलाये जा रहे अभियान के कारण उसको पुलिस का भय बना हुआ है। अब वह अपराध का रास्ता छोड़ चुका है और समाज में एक नेकमाश व्यक्ति की तरह रहना चाहता है। दिलशाद ने अपने साथ आये लोगों और पुलिसकर्मियों के सामने ही अपराध से तौबा करते हुए जान की अमान मांगी और शपथ पत्र देकर अपराध छोड़ने की घोषणा की थी। इस गुडवर्क के 20 दिन बाद ही थाना परिसर में सफाई के लिए श्रमदान करने के बाद थानाध्यक्ष सूबे सिंह यादव फरियादियों की शिकायत सुनने में व्यस्त थे कि इसी बीच दो युवक हाथों को हवा में उठाये हुए तेज कदमों से चलते हुए उनके पास आये और भविष्य में अपराध नहीं करने की कसमें खाते हुए थानाध्यक्ष के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक बदमाश शातिर अपराधी महताब भी शामिल था। यह दूसरा मौका था जबकि चरथावल पुलिस टीम के खौफ से बदमाश ने थाने में सरेंडर किया। यह शातिर बदमाश महताब थाना क्षेत्र के गांव कुल्हेड़ी का निवासी है। शातिर अपराधी महताब सहारनपुर रेंज का टाॅप टेन बदमाश है। उस पर मुजफ्फरनगर व सहारनपुर सहित अन्य जनपदों में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। इसके साथ ही पुलिस की कार्यवाही के भय से आईपीसी की धारा 302 में वांछित चल रहे दूसरे बदमाश शाहनवाज निवासी ग्राम कुल्हेडी ने भी थाने में आकर सरेंडर कर दिया।


30 दिसम्बर 2020 बुधवार को भोपा क्षेत्र में गौवंश कटान के अपराध में शामिल रहे दर्जनों मुकदमों में वांछित बदमाश तीन सगे भाइयों ने भोपा थाने पहुंचकर हाथ जोड़कर अपराध से तौबा करते हुए भविष्य में दोबारा अपराध न करने की कसम खाई। भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी निवासी यामीन, मुरसलीन व मुकीम तीन भाई प्रधानपति इरफान अली व दर्जनों लोगों के साथ थाने पहुंचे और थानाध्यक्ष सूबे सिंह यादव को शपथ पत्र देते हुए कहा कि वह गौवंश कटान के अपराध में शामिल रहे और उनके खिलाफ दर्जनों मुकदमें भी पंजीकृत हैं, लेकिन अब वह अपराध से तौबा करते हैं और भविष्य में अपराध न करने की कसम खाते हैं और कहा कि पुलिस का शांति व्यवस्था में पूर्ण रूप से सहयोग करेंगे।

आईपीएस अभिषेक यादव अपने दफ्तर में जनसमस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान उनके सामने एक व्यक्ति पहुंचा और कहा साहब मुझे गिरफ्तार कर लो मै रोहित सांडू के मामले में वांछित हूं और मेरे ऊपर 50 हजार रूपये का इनाम है। आईपीएस अभिषेक यादव ने तुरंत अपने स्टाफ को बुलाकर उसे अरेस्ट करा लिया। इससे पहले इसका साथी पिथौली निवासी 25 हजार का इनामी पुलिस के भय सरेंडर कर जेल चला गया था। आईपीएस अभिषेक यादव ने जनपद मुजफ्फरनगर में बदमाशों की कमर तोड़ने में कसर नहीं छोड़ी और उनके भय ने बदमाशों को अपराध छोड़ने पर मजबूर कर दिया। यह उनका ही भय है कि बदमाश चैन की जिंदगी जीने के लिये थाने हाथ उठाते पहुंच रहे हैं। आईपीएस अभिषेक यादव जनपद में क्राईम के ग्राफ को गिराने में सफल साबित हुए हैं और सरकार के भरोसे पर भी खरे उतरे हैं।



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