जन्मदिन विशेष- साहस से चुनौतियां के दलदल से निकलकर अभिषेक बने IPS

जन्मदिन विशेष- साहस से चुनौतियां के दलदल से निकलकर अभिषेक बने IPS

शामली। मेहनत करने पर मिलेगा फल, आज नहीं तो मिलेगा कल! है हिम्मत तो निकल और चल, तोड़ दो साहस से चुनौतियों के दल दल! इसको जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात हेड क्लर्क के बेटे ने चरितार्थ किया है। बचपन से ही पढ़ाई में होनहार युवक के मांइड में सिविल सर्विस में जाने का जहन बना तो युवक ने नौकरी छोड़ दी और आईपीएस बनने के लिये युवक ने कड़ी मेहनत के साथ प्रथम बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन वह सफल नहीं हो पाये। इसके बाद पोएट्री को हॉबी मानने वाले युवक ने अपनी ऊर्जा को कम नहीं होने दिया और तीसरी बार में सिविल सर्विस का एग्जाम पास कर आईपीएस बन गये। आईपीएस बनकर युवक ने पिता क्लर्क और अध्यापिका माता का नाम रोशन कर दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं साल 2015 बैच के आईपीएस अफसर और शामली के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात अभिषेक की। आईपीएस अफसर अभिषेक के जन्मदिन पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष रिपोर्ट...


आईपीएस अभिषेक का जन्म 25 अक्टूबर 1988 को बिहार के कटिहार में भरत भूषण झा के परिवार में हुआ था। उनके पिता डीएम कार्यालय में हेड क्लर्क और उनकी माता एक टीचर है। आईपीएस अफसर अभिषेक की प्राथमिक शिक्षा से लेकर हाईस्कूल तक की शिक्षा कटिहार में ही पूर्ण हुई। इसके पश्चात उन्होंने पटना से इटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। आईपीएस अधिकारी अभिषेक ने इंटर के बाद कालीकट के इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। डिग्री हासिल करने के बाद आईपीएस अफसर का चयन मल्टी नेशनल कम्पनी में हो गया था।

आईपीएस अफसर को एमएनसी कम्पनी में बेहतरीन पैकेज मिलता था लेकिन साल 2011 में उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के लिये अपने पापा की सलाह के बाद नौकरी छोड़ दी थी।


आईपीएस अफसर अभिषेक के फूफा सिविल सर्विस में चयनित बच्चों के इंटरव्यू को एक मैग्जीन में लिखते थे और अभिषेक को भी वह साक्षात्कार दिखाते थे। इसी बीच से आईपीएस अफसर के मन सिविल सर्विसेज में जाने की भावना उत्पन्न्न हुई और उन्होंने एमएनसी कम्पनी में से नौकरी छोड़कर सिविल सर्विसेज की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये दिल्ली आकर तैयारी प्रांरभ कर दी थी। अभिषेक ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को उत्तीर्ण कर ली थी, जिसके बाद भारतीय पुलिस सेवा को अभिषेक ने जॉइन कर ली।

भारतीय पुलिस सेवा में जाने से पूर्व आईपीएस अफसर अभिषेक इंडियन रेलवे सर्विस में अपनी सेवाएं दे रहे थे, वहीं से रिजाइन करने के बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा जॉइन किया था।

आईपीएस अफसर ने साल 2012 में पहला अटेम्पट दिया था लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पाये थे। आईपीएस अफसर तीसरे प्रयास में सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर साल 2015 बैच के आईपीएस अफसर बन गये थे। अंडर ट्रेनी के रूप में आईपीएस अफसर अयोध्या, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और नोएडा में डीसीपी क्राईम के पद पर तैनात रहे। शासन ने आईपीएस अफसर अभिषेक का नोएडा डीसीपी क्राईम के पद से तबादला कर उन्हें शामली का पुलिस अधीक्षक बनाया। अब आईपीएस अफसर शामली के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।


उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा से सटे हुए संवेदनशील जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक के पद पर 27 जून 2022 को साल 2015 बैच के आईपीएस अफसर ने चार्ज संभाला था। चार्ज संभालने के बाद राजपत्रित अधिकारियों और सभी थानाध्यक्षों के साथ मीटिंग कर एसपी ने समय से पीड़ितों की समस्या का निस्तारण एवं थाने की दर पर आने वाले व्यक्ति को सम्मान देने के निर्देश दिये थे। मुख्य बात यह है कि युवा आईपीएस अफसर ने जब चार्ज संभाला तो उस वक्त पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद सूबे के कई जिलों में शांति व्यवस्था का वातावरण बिगड़ रहा था। माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के विरूद्ध पुलिस ने कार्रवाई कर उन्हें कारागार की चार दीवारों में कैद किया था।

उस दौरान सूबे के कई जिलों में शांति व्यवस्था कायम रखना एक चुनौती थी, जिसमें शामली जिला भी शामिल था। शामली में एसपी के रूप मेें आये आईपीएस अफसर अभिषेक ने तमाम अधीनस्थों को शांति व्यवस्था को कायम रखने के लिये सख्त निर्देश दे दिये थे। आईपीएस अफसर ने खुद भी धर्मगुरूओं के साथ कई मीटिंग की और निरंतर संवेदनशील इलाकों का मुआयना करते रहे, जिसका परिणाम बेहतर रहा। पुलिस अधीक्षक अभिषेक की अगुवाई में थाना झिंझाना पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ में 249 मुकदमों में वांछित चल रहे बदमाश को दबोचा था। इसके अलावा एसपी अभिषेक ने लापरवाही करने पर थानाभवन के थाना प्रभारी के साथ इसी थाने की कादरगढ़ चौकी के इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया था।


मन्दिर में चोरी की वारदात 10 घंटे में हुई बेनकाब

मन्दिर में चोरी की वारदात पुलिस अधीक्षक अभिषेक के संज्ञान में आते ही घटना के खुलासा के लिये टीम बनाई और उन्हें पर्दा उठाने के लिये मूलमंत्र दिये। पुलिस अधीक्षक अभिषेक की अगुवाई में उनके द्वारा बनाई गई टीम ने 10 घंटे में ही वारदात का पर्दाफाश करते हुए चोरी हुई 02 मूर्तियों (अष्ट धातू) सहित दबोच लिया था और उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेज दिया।

भाई को पैसों की वजह से कर दिया कुर्बान- 24 घंटे में पकड़कर भेजा कारागार

पुलिस अधीक्षक अभिषेक की अगुवाई में थाना कैराना पुलिस ने थाना कैराना इलाके में पड़ने वाले गांव बराला में पैसों की लेन-देन को लेकर हुई कुर्बान की हत्या का 24 घंटे में खुलासा करते हुए हत्यारोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे कारागार भेज दिया।

जंगल में हुई धायं-धायं, बदमाश को गोली से मिला गोली का जवाब

बाबरी पुलिस टीम व एसओजी टीम ने ग्राम बन्तीखेड़ा में हुई लूट का खुलासा करते हुए मुठभेड़ में एक आरोपी को अपनी पीतल का मजा चखाया और लूट की योजना बना रहे उसके दो अन्य साथियों को भी दबोचकर उनके पास से लूटा हुआ माल व अवैध हथियार बरामद किये थे।


खाकी ने गरीबों की दिवाली बनाई ख़ास

शामली पुलिस ने अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम सहित गरीब परिवारों में जाकर उनकी दिवाली स्पेशल बनाई। दीपावली के पर्व पर पुलिस कप्तान अभिषेक ने अपने अधीनस्थों के साथ पहुंचकर थाना आदर्शमंडी क्षेत्रान्तर्गत कुष्ठ अनाथ आश्रम में बच्चे, बच्चियों, महिलाओं और संस्था के स्टाफ सहित कांशीराम कॉलोनी में गरीब परिवारों को मिठाई, मोमबत्ती, फल वितरित कर उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दी। पुलिस कप्तान द्वारा को मिठाई, मोमबत्ती, फल सहित अन्य चीजें पाकर बच्चों के चेहरे मुस्कान से भरपूर दिखाई दिये। पुलिस कप्तान के साथ इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिहं, सीओ सिटी बिजेन्द्र सिंह भड़ाना, शामली थाना प्रभारी निरीक्षक मौजूद रहे।

अपराध से तौबा करते हुए थाने पहुंचा गैंगस्टर ने किया आत्मसमर्पण

थाना कैराना इलाके के गांव रामडा में रहने वाले गैंगस्टर आरिफ पुत्र किताबू ने अपराधियों के विरूद्ध हो रही कार्रवाई को देखते हुए थाना कैराना पर पहुंचकर पुलिस के सामने घुटने टेक दिया और भविष्य में अपराध ना करने की कसम खाई।

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