बैडमिंटन के सुपर खिलाड़ी के नाम बड़ी पारी- अब सतपाल बने यहां के SSP

बैडमिंटन के सुपर खिलाड़ी के नाम बड़ी पारी- अब सतपाल बने यहां के SSP

मुरादाबाद। बेडमिंटन में स्मेश शॉट मारकर शटल कॉक को अपने प्रतिद्वन्दी खिलाड़ी से दूर डालकर विनर बनने वाले इस आईपीएस अफसर ने पुलिस में आने के बाद नये प्रतिद्वन्दी के तौर पर कुख्यात अपराधियों से अपने पसन्दीदा शॉट स्मेश को उनसे दूर नहीं बल्कि उनके सामने मारकर उन्हे धराशायी करना शुरू किया हुआ है। वो अपराधी चाहे सोना लूट करने वाला गैंग हों या फिर अपने विरोधियों को फंसाने के लिये अपने नौकर की हत्या करने वाले साजिशकर्ता या प्लानिंग से हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने वाले कातिल हो अथवा पुलिस कस्टडी से दरोगा को गोली मारकर भागने वाले कुख्यात बदमाश रोहित सांडू को साथी सहित मुजफ्फरनगर की धरती पर पुलिस की बुलेट से उसका स्वागत कर दुनिया को टा टा कराना हो। इस आईपीएस अफसर ने क्राईम पर अपनी पकड ऐसी मजबूत कर ली है कि अपराधी कितना ही शातिर हो उसका बचना नामुमकिन है। मेरठ में तैनाती के दौरान ज़ोन के तत्कालीन एडीजी प्रशांत कुमार से क्राइम कंट्रोल और अपराधियों पर कार्यवाही के गुर सीखने वाले ये आईपीएस अफसर हैं सतपाल अंतिल। मुजफ्फरनगर जिले में शानदार पुलिसिंग के बाद उन्हें फतेहपुर जिले का कप्तान बनाया गया था। इसके बाद आईपीएस सतपाल अंतिल को प्रतापगढ़ जिले का पुलिस कमांडर बनाया था। आईपीएस सतपाल अंतिल ने प्रतापगढ़ जिले में सबसे लंबी कप्तानी पारी खेलने का रिकॉर्ड कायम किया है। अब शासन ने उन्हें मुरादाबाद एसएसपी की कमान सौंपी हैं। आईपीएस अफसर व मुरादाबाद के नये एसएसपी सतपाल अंतिल पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...

हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव खेवडा में 9 अगस्त 1986 को जन्में आईपीएस सतपाल अंतिल अमेरिकी फिल्म स्टार टॉम हेंक्स को अपना पसन्दीदा स्टार मानते है। इत्तेफाक यह है कि इन दोनो यानि पुलिस के हीरो आईपीएस सतपाल अंतिल और अमेरिकी फिल्म स्टार टॉम हेंक्स कीे जन्मतिथि के शुरूआती और अन्तिम संख्या समान है। आईपीएस सतपाल अंतिल जहां 9 अगस्त 1986 को जन्में तो वहीं इनके फेवरेट फिल्म स्टार टॉम हेंक्स 9 जुलाई 1956 को पैदा हुए थे। टॉम हेंक्स की फॉरेस्ट गंप फिल्म से प्रभावित आईपीएस सतपाल अंतिल बारहवीं के बाद आईआईटी या आईआईएएम में जाने की सोच रहे थे। आईआईटी चूंकि उनके दिमाग से बाहर की शिक्षा थी। इसलिए उन्होने तय किया कि मैं कोई डिसेंट जॉब या कोई बिजनेस करूंगा ताकि लाईफ स्टाईल को अच्छे से जिया जा सके। आईपीएस सतपाल अंतिल एजूकेशन के दौरान ही चाहते थे कि वो ऐसा काम करे जिससे आम लोगों की सेवा की जा सके।


चण्डीगढ में पढने के दौरान उन्होने तय किया कि वो सिविल सर्विसेज में जाकर अपने गांव, अपने पूर्वजों को सम्मान देने के साथ-साथ पीडितों को न्याय दिलाने की कोशिश भी करेंगे। फिर क्या था उन्होने सिविल सर्विसिज की तैयारी करनी शुरू कर दी। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है मेरी फील्ड लेवल पर काम करने की इच्छा थी और वो सिविल सिर्विसिज से ही पूरी हो सकती थी। वो कहते है कि मैं जिस परिवेश से आता हूँ उससें मैं आम लोगों से बहुत अच्छी तरह जुड पाता हूं। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है कि आईपीएस में आने के बाद वो पीडित की समस्याओं को इसलिए आसानी से समझ पाते है कि मैं ग्रामीण परिवेश से जुडा हुआ हूं, अगर किसी की भैंस चोरी हो जाये जो उसकी आजीविका का साधन हो तो उसका दर्द वो ही जान सकता है जो उसके परिवेश में पला पडा हो। इसीलिए मैं छोटी-छोटी घटनाओं को भी वर्कआउट करने एवं उनका निस्तारण करने में दिलचस्पी रखत हूं। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है कि आम आदमी के मन में सुरक्षा और सम्मान का भाव पैदा करना पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि आम आदमी पुलिस पर भरोसा कर सके। वो कहते है कि मैं क्राईम कन्ट्रोल के लिहाज से जहां भी पॉस्टिंग पर रहता हूं, तीन कैटेगरी बनाकर रखता हू। उसमें एक स्थानीय निवासी यानी वो व्यक्ति जो उस इलाके में निवास करता हो। दूसरा मेहमान मतलब जो किसी कार्य से या व्यक्ति विशेष से मिलने के लिये आया और कुछ समय रूककर वापस चला गया, तीसरा राहगीर यानि वो व्यक्ति जो एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिये यहां से गुजर रहा हो। इन तीन लोगों की कैटेगरी बनाकर मैं काम करता हूं।

आईपीएस सतपाल अंतिल क्राईम कन्ट्रोल में महारत हासिल रखते है। कई बडी घटनाओं को वर्क आउट करने वाले आईपीएस सतपाल अंतिल की प्राथमिकता में चौकिंग, क्राईम कन्ट्रोल के साथ-साथ शिकायतों का निस्तारण सही ढंग से कराने, किसी भी घटना के कारित होने के बाद उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए उसका निस्तारण एवं गुण-दोष के आधार पर विवेचनाओं का निस्तारण कराना भी रहता है। आजमगढ़ से अपनी नौकरी की शुरूआत करने वाले आईपीएस सतपाल अंतिल वहां ट्रेनी आईपीएस के रूप में छः महीने तक तैनात रहे। आजमगढ़ के थाना रानी की सराय के थाना प्रभारी के रूप में आईपीएस सतपाल अंतिल को अपनी नौकरी की पहली चुनौती तब मिली, जब मई 2017 में राजेन्द्र यादव प्रधान ने दो डॉक्टरों की हत्या करा दी। इस मुकदमे में राजेन्द्र यादव को नामजद कराया गया था। इस घटना को लेकर लॉ एन्ड ऑर्डर इश्यू बन गया था हत्या में नामजद प्रधान यादव था तो मरने वाले डॉक्टर चौहान थे, इसी कारण जातिगत रंजिश बढ़ गई थी। पुलिस के सामने राजेन्द्र यादव को गिरफ्तार करना बड़ी चुनौती थी। राजेन्द्र यादव एक राजनैतिक पार्टी से जुडा हुआ था इसलिए लोगों को उम्मीद लग रही थी कि राजेन्द्र यादव पुलिस की पकड में नहीं आ पायेगा, लेकिन आईपीएस सतपाल अंतिल ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 72 घण्टे तक लगातार बिना सोये इस घटना पर वर्क किया और राजेन्द्र यादव को गिरफ्तार कर इलाके में पुलिस का इकबाल बुलन्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।


वर्तमान में सहारनपुर रेंज कके DIG अजय सहानी के साथ आजमगढ़ में तैनाती के दौरान सतपाल अन्तिल ने उनसे क्राईम पर बहुत कुछ सीखा। नौकरी की शुरूआत में ही आईपीएस सतपाल अंतिल ने पुलिस वेलफेयर के लिये भी काम करना शुरू कर दिया था। उन्होने आजमगढ में तत्कालीन एसएसपी आनन्द कुलकर्णी के नेतृत्व में पुलिस लाईन में साज-सज्जा का काम खूब कराया था। वहां से सतपाल अन्तिल ट्रैनिंग पर चले गये। उसके बाद 26 दिसम्बर 2017 को इस युवा आईपीएस सतपाल अंतिल को मेरठ में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया। मेरठ में आईपीएस सतपाल अंतिल सीओ केन्ट, सीओ क्राईम, सीओ ऑफिस , सीओ आईजीआरएस के रूप में तैनात रहे। मेरठ में पोस्टिंग के दौरान सतपाल अन्तिल कहते है मुझे मेरठ में बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरी पोस्टिंग के दौरान मेरठ में बतौर एसएसपी मंजिल सैनी , राजेश पाण्डेय और अखिलेश मीणा सर से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। इन अफसरो ने मुझे काम करने की छूट दी, यही वजह रही कि मेरठ में कई बडी घटनाओं को मैं उनके नेतृत्व में वर्कआउट कर पाया।

मेरठ में पोस्टिंग के दौरान एक घटना का संस्मरण करते हुए आईपीएस सतपाल अंतिल बताते है कि रायबरेली की एक लडकी सीमा की उसके पति ने हत्या कर दी थी। उसका पति आर्मी में था। उसे सभी लोग बचाने में लगे हुए थे, लेकिन मैने उस घटना का सही वर्कआउट करते हुए उसके फौजी पति को जेल भेज दिया था। इस घटना में मारी गई सीमा के पिता से जब इस घटना के वर्कआउट होने के बारे में पूछा गया तो उसका पिता भावुक हो गया। उसने कहा कि आईपीएस सतपाल अंतिल ने मेरे ऊपर उपकार किया है। मेरी दुआएं हमेशा उनके साथ रहेगी। मुझे नहीं लगता था कि मेरे साथ इंसाफ हो पायेगा, लेकिन जिस तरह आईपीएस सतपाल अंतिल ने सीडीआर, वॉयस रिकॉर्डिंग, पीएम रिपोर्ट निकलवाकर गहनता से जांच कर पुलिस लिखा-पढी में उसको उल्लेखित किया है उसको कम ही अफसर करते है। भावुक लहजे में सीमा के पिता कहते है कि आईपीएस सतपाल अंतिल का ही प्रयास था कि आज तक मेरी बेटी के कातिल की जमानत भी नहीं हो पायी है।

प्रेमी को जेल से छुड़ाने के लिए एथलीट ने रचा था एसिड अटैक का ड्रामा

गौरतलब है कि 28 फरवरी की सुबह लालकुर्ती पैंठ बाजार के पास कुश्ती खिलाड़ी शालू और बॉक्सर गरिमा पर बाइक सवारों ने एसिड अटैक किया था। इस मामले में इंचौली निवासी सोनी सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ पुलिस ने सोनी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। आईपीएस सतपाल अंतिल को इस घटना पर शक हुआ तो उन्होने सोनी के जीजा विजय को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो इस केस की परतें उखड़नी शुरू हो गईं। आईपीएस सतपाल अंतिल को जेल में मिलाई का रिकॉर्ड चेक कराया तो पूरा मामला साफ हो गया कि यह मुकदमा झूठा है। गौरतलब है कि अक्तूबर 2017 में मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित होटल ऑज इज वेल में एक युवती से दुष्कर्म हुआ था। इस घटना की वादी सोनी ने विवि कैंपस के छात्र राजीव खारी पर केस दर्ज कराया था। मेरठ जेल में बंद राजीव खारी एथलीट शालू का बॉयफ्रेंड भी है। राजीव खारी को जेल से छुड़ाने के लिए शालू ने योजना बनाई कि यदि वह सोनी को किसी मुकदमे में फंसा दे तो दुष्कर्म के मामले में समझौता हो सकता है। बाद में आईपीएस सतपाल अंतिल ने इस झूठे मूकदमें में जेल गए बेकसूर को रिहा कराकर वाहवाही लूटी थी।


मैडम! मैं एएसपी सतपाल बोल रहा हूं

आईपीएस सतपाल अंतिल जब मेरठ में कैन्ट सीओ का कार्यभार संभाल रहे थे तब एक दिन उन्होंने एक महिला को अपने सरकारी नंबर से कॉल कर कहा कि मैडम! मैं एएसपी सतपाल बोल रहा हूं। 10 नवंबर को आपने सदर बाजार थाने में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की, कृपया डिटेल में मामला बताएं। आईपीएस सतपाल अंतिल ने ऐसे 17 और पीड़ितों को कॉल कर केसों के बारे में जानकारी लेने के लिए थाना सदर बाजार बुला लिया। इन केसों में छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म की कोशिश के मामले थे। बाद में आईपीएस सतपाल अंतिल ने केसों से जुड़े सभी विवेचकों को बुला लिया और पूछा कि केस दर्ज करने के बाद क्या किया। इस बीच लालकुर्ती निवासी एक महिला ने बताया कि मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की। इस पर आईपीएस सतपाल अंतिल ने विवेचक को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या इस लापरवाही की एसएसपी को रिपोर्ट भेज दी जाए।

एक्सीडेंट की शक्ल में प्री प्लान कत्ल का जब सतपाल अंतिल ने किया खुलासा

17 अप्रैल की सुबह पुलिस ने कांवड़ मार्ग पटरी पर गांव बुआड़ा कलां मुजफ्फरनगर के पास गंगनहर में डूबी स्कार्पियो के अंदर से तीन शव मिले थे, जिनकी शनाख्त हरियाणा के जिला सोनीपत के थाना गोहाना क्षेत्र के गांव भैंसवाल कलां के रहने वाले प्रदीप, रवि और अक्षय के रूप में हुई थी। स्कार्पियो के अंदर ड्राइविंग सीट पर किसी का शव नहीं मिला था, लेकिन सीट के पास एक ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। आईपीएस सतपाल अंतिल बताते है खतौली में जब स्कॉरपियो गाडी के नहर में डूबने पर तीन लोगों की मौत की खबर आई, तो मैं मौके पर पहुंचा। गहनता से जांच की तो मुझे पहली बार में ही लगा कि ये प्री प्लान हत्या का मामला है। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है कि जैसे मैने गाडी को देखा तो गाडी में पानी इतना नहीं था कि कोई व्यक्ति उसमें डूबकर मर जाये। दूसरी शक की सबसे बडी वजह थी कि जहां गंगनहर में गाडी डूबी थी केवल वहां रैलिंग टूटी हुई थी। बाकी कही रैलिंग टूटी हुई नही थी। तो ये इत्तेफाक नहीं हो सकता था कि गाडी ऐसी ही जंगह में जाकर नहर में गिरे , जहां रैलिंग टूटी हुई हो। एक ओर कारण था कि ऐसे अच्छे रोड पर रात के समय कई नौजवान गाडी लेकर निकलें हो तो जाहिर की बात है कि गाडी की स्पीड 80 से ऊपर ही होगी, मगर नहर में डूबी गाडी पहले ही गियर में थी। इसके बाद आईपीएस सतपाल अंतिल ने इन तीनों की पोस्टमार्स्टम रिपोर्ट का गहनता से निरीक्षण किया तो पाया कि उनके पेट में जो पानी था वो साफ था, जबकि गंगनहर के पानी में रेत होता है। फिर क्या था आईपीएस सतपाल अंतिल ने सर्विलांस सिस्टम के सहारे घटना की कड़ियंा जोडना शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि गांव भैंसवाल में वर्ष 2017 में बिट्टू की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में मृतक प्रदीप व रवि जेल गए थे। तीन माह पूर्व ही प्रदीप व रवि जमानत पर छूट कर आए थे। पुलिस की जांच में एक के बाद एक कड़ी जुड़ती चली गई और हत्यारोपियों तक पहुंच गई और उनको गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के वर्कआउट में मुजफ्फरनगर में आईपीएस सतपाल अंतिल के काम की प्रसन्सा हुई थी।


हमले की शक्ल के मर्डर को किया वर्कआउट

गौरतलब है कि आईपीएस सतपाल अंतिल की मेरठ में पोस्टिंग के दौरान हस्तिनापुर के गांव मोरना से एक सूचना आई कि 50 हजार के ईनामी सोनू ने अपने विरोधी जानी के घर पर ताबडतोड़ गोलियां चलाकर उसके नौकर की हत्या कर दी है तथा प्रधान घायल हुआ है। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है कि घटना के बाद वो एसएसपी सर के साथ मौके पर गये तो वहां 30 राउण्ड फायर किये गये थे जिसमें प्रधान की गाय-भैंस को भी गोली लगी हुई थी, वो कहते है जब मै छः-सात घण्टे तक इस घटना की तह में गया तो मुझे लगा कि ये घटना कुख्यात सोनू के द्वारा कारित नहीं की गई है, क्योंकि जानी को पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन गनर रात को शराब पीने के कारण बताया गया नशे में था। जानी और उसका नौकर राजा एक जंगह ही अलग-अलग पलंग पर सोये हुए थे, अगर सोनू यह हत्या करने आया था तो उसने जानी की जंगह उसके नौकर के सटाकर गोली क्यांे मारी। दूसरा जानी द्वारा बताया गया कि मैं दीवार से कूदकर जान बचायी है, जिस कारण मेरा पैर टूट गया। जहां से वो कूदा उसकी जब गहनता से जांच की गई तो वो ऊपर छत की थोडी सी बाउन्ड्री थी, वहां मिट्टी लगी हुई मिली, जो खुरपे से लगायी गई थी। आईपीएस सतपाल अंतिल कहते है जब जानी के गोली लगे हुए निशान को संदिग्ध मानते हुए एक्स-रे कराये गये तो गोली के अन्दर जाने और बाहर निकलने के स्पाट मिस-मैच था तथा उसके शरीर के अन्दर गोली का कोई लक्ष्ण नहीं मिला, जिस वजह से शक हुआ कि ये घटना प्लानिंग से कारित करायी गई है। गहनता से पूछताछ की गई तो इस घटना का सही खुलासा हुआ।

इसी तरह जब आईपीएस सतपाल अंतिल को एसपी सिटी मुजफ्फरनगर बनाया गया तो आईपीएस सतपाल अंतिल ने एसपी सिटी मुजफ्फरनगर का चार्ज अभी संभाला भी नहीं था कि मेरठ में ज्वैलर्स के यहां गोल्ड की लूट हो गई। आईपीएस सतपाल अंतिल के क्राईम पर पकड को देखते हुए उनको मेरठ बुलाकर इस घटना के वर्कआउट में लगाया गया।

इसी तरह जब रोहित सांडू मुजफ्फरनगर से जानसठ से एक दरोगा की हत्या कर पुलिस कस्टडी से फरार हो गया तो रोहित सांडू की फरारी के बाद मुजफ्फरनगर के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक यादव और आईपीएस सतपाल अंतिल ने टीम के साथ मिलकर रोहित सांडू को उसके साथी सहित मुज़फ्फरनगर की सरजमीं पर मुठभेड़ के बाद यमलोक भेज कर गुंडों को साफ़ सन्देश दिया कि अगर अपराध करोगे तो बख्शे नहीं जाओगे।

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