पुलिस संरक्षण में सट्टे- थानेदार लाईन हाजिर, दारोगा, दीवान, सिपाही....
मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल की ओर से अपराध गोष्ठी के दौरान दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद इलाके में सट्टे के कारोबार पर अंकुश लगाने में विफल रहे वहलना चौकी प्रभारी, एक दीवान तथा सिपाही को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही इंस्पेक्टर कोतवाली आनंद देव मिश्रा को लाइन हाजिर होना पड गया। सट्टे के कारोबार के संरक्षण के आरोप में की गई इस बड़ी कार्यवाही से जेब गर्म करने में विश्वास रखने वाले पुलिस अफसरों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
दरअसल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली अपराध गोष्ठियों में पुलिस अफसरों को जनपद के सभी हिस्सों में किसी भी थाना क्षेत्र में जुआ और सट्टा आदि अवैध कारोबार नहीं होने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। एसएसपी का कहना है कि जुएं और सट्टे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई कर ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जाए। इसके उपरान्त भी पुलिस चौकी बहलना थाना कोतवाली नगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम सुजडू में लगातार अवैध रूप से सट्टे की शिकायत प्राप्त हो रही थी। एसएसपी द्वारा जब इन शिकायतों की जॉच सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर आयुष विक्रम सिंह से करायी गयी और उनके द्वारा अवैध सट्टे के कारोबार में लिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु टीम गठित की गयी।
सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर आयुष विक्रम सिंह द्वारा की गयी जॉच के दौरान अभियुक्त शहजाद उर्फ मुन्ना को अवैध सट्टे के कारोबार में लिप्त होने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस दौरान की गई जॉच में पाया गया कि उक्त अवैध सट्टे का कारोबार स्थानीय पुलिस के सरंक्षण में काफी समय से चल रहा था। पूर्व में भी स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में शहजाद उर्फ मुन्ना द्वारा सट्टे की खाईबाड़ी की खबर प्रकाशित होने के उपरान्त भी थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी थी। सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर द्वारा की गयी जॉच आख्या के आधार पर चौकी प्रभारी वहलना उ0नि0 कौशल गुप्ता, हेड कान्स0 जितेन्द्र त्यागी व आरक्षी हिमांशु को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। एसएसपी द्वारा इस मामले में की गई बडी कार्यवाही के अंतर्गत प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली नगर आनन्द देव मिश्र को पुलिस लाइन स्थानान्तरित किया गया है। उपरोक्त आरोपों के संबंध में विभागीय जॉच प्रचलित है।