मौत के बाद हंगामे पर अस्पताल पर गिरी गाज-कोरोना की परमिशन निरस्त

मौत के बाद हंगामे पर अस्पताल पर गिरी गाज-कोरोना की परमिशन निरस्त

मेरठ। महानगर के हापुड़ रोड स्थित अस्पताल में कोविड-19 मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किए जाने की शिकायतों के उपरांत आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की अस्पताल पर गाज गिर ही गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए अस्पताल को कोरोना मरीजों को भर्ती करने की दी गई अनुमति को निरस्त कर दिया है। अस्पताल में भर्ती सभी कोविड-19 मरीजों को तत्काल दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल शनिवार की सुबह दिल्ली निवासी महिला की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने जगदंबा हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया था। मृतका के परिवारजनों की ओर से पूरे मामले की शिकायत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से की गई थी। जिसके बाद आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की। दोपहर के समय सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन ने हॉस्पिटल के मालिक रविंद्र गुर्जर को पत्र जारी करते हुए अस्पताल में कोविड-19 मरीजों को भर्ती किए जाने की अनुमति को निरस्त कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन को इलाज के लिए भर्ती सभी कोविड-19 मरीजों को तत्काल एंबुलेंस की सहायता से अन्य कोविड-19 अस्पतालों में स्थानांतरित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है दिल्ली के लक्ष्मीनगर निवासी राजकुमार जायसवाल की पत्नी माया को खांसी और कफ की शिकायत हुई थी। जिसके चलते उन्हे ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत थी। मगर दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी उत्पन्न होने के कारण वह अपनी पत्नी को लेकर इलाज के लिए भटकते फिर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक एंबुलेंस चालक से हुई। जिसमें राजकुमार जायसवाल को मेरठ के जगदंबा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन दिलाने का दावा किया। राजकुमार के मुताबिक एंबुलेंस चालक की बातों पर विश्वास करके उन्होंने अपनी पत्नी माया को 18 अप्रैल को हापुड़ रोड स्थित जगदंबा अस्पताल में भर्ती करा दिया। आरोप है कि इसके बाद से अस्पताल कर्मी कभी माया को ऑक्सीजन सिलेंडर लगा देते तो कभी सिलेंडर को हटा दिया जाता था। माया की बेटी करिश्मा का आरोप है की देर रात अस्पताल के स्टाफ ने उनकी मां की गला दबाकर हत्या कर दी। करिश्मा का दावा है कि उन्होंने खुद अस्पताल के स्टाफ को आईसीयू में भर्ती अपनी मां का गला दबाते देखा है। उधर अस्पताल के स्टाफ के मुताबिक हालत बिगड़ने पर माया की मौत हो गई। माया की मौत की खबर मिलते ही परिवार जनों ने अस्पताल परिसर में प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसी के साथ डीएम के बालाजी के सीयूजी नंबर पर कॉल करके मामले की जानकारी दी। आनन-फानन में कई थानों की फोर्स और एसडीएम मौके पर पहुंचे। माया की बेटी करिश्मा ने अस्पताल संचालक रविंद्र गुर्जर सहित कई अन्य कर्मचारियों पर अपनी मां की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए डीएम से लिखित शिकायत भी की। बताया जाता है कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी इस मामले की शिकायत कर दी। जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल ही अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कोविड-19 मरीजों की भर्ती की अनुमति निरस्त कर दी।




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