23 साल से फरार साधु गिरफ्तार- पुलिस को बेलने पड़े ऐसे ऐसे पापड़

23 साल से फरार साधु गिरफ्तार- पुलिस को बेलने पड़े ऐसे ऐसे पापड़

मथुरा। 23 साल से फरार चल रहे हत्यारोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को साधु बनकर तकरीबन 24 घंटे तक साधु बने हत्यारोपी की जमकर सेवा करनी पड़ी। विश्वास होने के बाद जाल बिछाए बैठी पुलिस ने हत्यारोपी साधु को गिरफ्तार कर लिया।


दरअसल गुजरात के सूरत शहर के उधना क्षेत्र में वर्ष 2001 की 3 सितंबर को विजय नामक युवक की हत्या हो गई थी। विजय का पहले अपरहण किया गया था और फिर उधना खाड़ी के पास ले जाकर विजय का गला दबाते हुए उसकी हत्या कर दी गई थी।


विजय की हत्या का आरोप पदम उर्फ चरण पांडा के ऊपर लगा था, जिसने प्रेम संबंधों के चलते बाधा बन रहे विजय की गला घोटकर हत्या की थी। मूल रूप से उड़ीसा के गंजाम जिले का रहने वाला पदम उर्फ राकेश उर्फ गौरी बहरी उर्फ गौरी गंगादास पांडा हत्या के बाद फरार हो गया था। पुलिस 23 साल तक उसकी तलाश में जगह-जगह की खाक छानती रही। पिछले 8 दिन में 1 सैकड़ा से भी ज्यादा धार्मिक स्थलों एवं आश्रमों की खाक छानने के बाद गुजरात पुलिस को पता चला कि पदम उत्तर प्रदेश के मथुरा के नंद गांव में आश्रम बनाकर रह रहा है।

यह क्लू मिलते ही गुजरात पुलिस की एक टीम सीधे मथुरा पहुंची और यहां से नंद गांव पहुंचकर पदम की तलाश में जुट गई। खोजबीन करते हंुए पदम के आश्रम तक पहुंची पुलिस की टीम ने हत्यारोपी पदम के साथ साधु बनकर पूरा 1 दिन बिताया। 24 घंटे तक साधु की सेवा करने वाली गुजरात पुलिस को जब यह पूरा विश्वास हो गया कि जिसकी वह 23 साल से तलाश कर रही है वह पदम यही साधु है। इसके बाद मथुरा पुलिस के सहयोग से गुजरात पुलिस पदम को गिरफ्तार कर अपने साथ सूरत ले गई है।

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