राशन घोटाले में दो सरकारी कर्मचारी सहित 6 गिरफ्तार
रतलाम । मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की पुलिस ने आदिवासी अंचल की तीन राशन दुकानों पर चल रहे लाखों के राशन घोटाले का पर्दाफाश करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें, दो शासकीय कर्मचारी भी शामिल है।
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा में बताया कि खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जिले के राजापुरा माताजी, रावटी और केलकच्छ की तीन राशन दुकानों की जांच के दौरान खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में गडबडियां पायीं थीं। इन गडबडियों को देखते हुए खाद्य विभाग ने इस मामले को पुलिस को सौंप दिया था। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कादम्बिनी धकाते की रिपोर्ट पर पुलिस थाना बाजना, शिवगढ और रावटी पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत तीन अलग अलग प्रकरण दर्ज किए गए थे।
मामले की जांच के लिए एसपी गौरव तिवारी ने एसडीओपी ग्र्रामीण मान सिंह चौहान के नेतृत्व में दस सदस्यों की एसआईटी गठित की थी। जब एसआईटी ने इन तीनों मामलों की सूक्ष्मता से जांच शुरु की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। एसआईटी की जांच में पता चला कि मप्र सिविल सप्लाय कारपोरेशन के सैलाना वितरण केन्द्र पर पदस्थ कर्मचारी, कम्प्यूटर आपरेटर राजेश शर्मा और कनिष्ठ सहायक ललित मीणा, शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के लिए आवंटित होने वाले खाद्यान्न सामग्र्री के आनलाइन आदेश जारी करते थे।
आनलाइन आदेश के माध्यम से शासकीय भण्डार गृह से खाद्यान्न निकालकर ट्रांसपोर्टर के जरिए शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर पहुंचाने की व्यवस्था होती है। उक्त दोनो कर्मचारी राशन दुकान पर पहुंचने से पहले ही खाद्यान्न में से एक बडा हिस्सा निकालकर दूसरे वाहन से निजी व्यवसाइयों के पास बेच देते थे।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर इन प्रकरणों में केवल आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन अनुसन्धान में मिले तथ्यों और सबूतों के आधार पर इन प्रकरणों में धोखाधडी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, अमानत में खयानत करने, आपराधिक षडयंत्र इत्यादि की कई धाराएं और जोडी गई है।
उन्होंने बताया कि थाना बाजना रावटी और शिवगढ पर दर्ज प्रकरणों में कुल छ: आरोपियों राजेश शर्मा, कुलदीप, डेनियल जोसेफ, मुकेश लबाना, रावटी दुकान के सेल्समेन रमेशचन्द्र और राजापुरा माताजी राशन दुकान के सैल्समेन गजेन्द्र को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 70 हजार रुपए नगद, पांच लाख मूल्य का एक पिकअप वाहन, 10 लाख मूल्य का एक ट्रक, 50 खाली बारदान, अलग अलग शासकीय राशन दुकानों की पंद्रह फर्जी सीलें, फर्जी खाद्यान्न बिल और राशन वितरण रजिस्टर इत्यादि जब्त किए हैं।
एसपी गौरव तिवारी के मुताबिक यह राशन घोटाला बहुत बडा है और अभी इसमे अनुसंधान जारी है। इसमें राशन का खाद्यान्न खरीदने वाले व्यापारियों, ट्रांसपोर्ट करने वाले ट्रांसपोर्टरों और अन्य शासकीय कर्मचारियों की भूमिका की भी सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। गौरव तिवारी के मुताबिक आरोपियों के कब्जे से मिली अलग अलग दुकानों की फर्जी सीलों से इस बात के स्पष्ट संकेत भी मिले है कि इसी तरह का घोटाला अन्य राशन दुकानों पर भी चल रहा है। पुलिस इन सभी तथ्यों की जांच करेगी और जैसे जैसे तथ्य सामने आएंगे इन पर कार्रवाई की जाएगी।