50 दिन- क्रिमिनलों को बोल्ड करने वाले अच्छे खिलाड़ी है प्रशांत कुमार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदशेक कानून एवं व्यवस्था के पद पर 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार को शासन ने 28 मई को कमान सौंपी। आईपीएस प्रशांत कुमार अपर पुलिस महानिदशेक कानून एवं व्यवस्था से पहले मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर लगभग 3 साल तक कार्यरत रहे। आईपीएस प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन के एडीजी रहते हुए बदमाशों को बदहवास करने में कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। आईपीएस प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन में 65 अपराधियों को हेल एक्सप्रेस से यमराज की चौखट पर पहुंचाने का काम किया था, ये आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस का ही खौफ रहा कि बदमाश थर-थर कांपने लगे थे और थानों में आकर अपराध से तौबा करने लगे थे। आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस को पहले तो केवल मेरठ जोन में ही खौफ था पर अब आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस का खौफ अपराधियों के प्रति पूरे सूबे में हो गया है चूंकि अब वह सूबे के अपर पुलिस महानिदशेक कानून एवं व्यवस्था की कमान संभाल रहे है। आईपीएस प्रशांत कुमार ने एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद रहते हुए भी 9 अपराधियों को अपराध की दुनिया से बोल्ड कर यमराज के घर को रवाना कर दिया। आईपीएस प्रशांत कुमार बदमाशों को दुनिया से बोल्ड करने वाले अच्छे खिलाड़ी माने जाते है। आईपीएस प्रशांत कुमार ने प्रदेश के कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए 50 दिन पूर्ण कर चुके हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार के 50 दिन के कार्यकाल पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट....
बता दें कि एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने चार्ज संभालने के बाद से अब तक 9 अपराधियों को दुनिया से बोल्ड कर दिया है। एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कानून एवं व्यवस्था के चार्ज संभालते ही क्रिमिनलों को अल्टीमेटम दे दिया था कि अब सूबे में अपराध करने वालों की बिल्कुल भी खैर नही। आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस ने 9 बदमाशों को हेल एक्सप्रेस से यमराज के घर को रवाना करने का काम किया है। सूबे के जनपद कानपुर में तीन जुलाई को मारे गए 8 पुलिसवालों का मुख्य हत्यारोपी विकास दुबे का साम्राज्य एक-एक कर पुलिस ने विकास दूबे समेत 7 अपराधियों को ढेर कर अपराध की दुनिया से ने टा-टा करा दिया और सूबे में आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस ने 50 दिन में अब तक 9 बदमाशों को दुनिया से आउट करने का काम किया है। पुलिस ने 5 लाख के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को अपराध के दुनिया से ओझल कर दिया, विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय, विकास दूबे का भतीजा अतुल दुबे, विकास दूबे का राइड हैंड अमर दुबे, प्रभात मिश्रा व प्रवीण उर्फ बउवा सहित विकास दूबे के 7 साथियों को दुनिया से रिहा कर दिया। बिकरू गांव जंगलों में विकास दुबे के गैंग से मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और साथ अतुल दुबे को ढहाया। इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। मुठभेड में ढेर हुए बदमाशों के पास से पुलिस से लूटी गई पिस्टल बरामद की गई। उत्तर प्रदेश के जनपद हमीरपुर में यूपी एसटीएफ व हमीरपुर पुलिस ने मुठभेड़ में विकाश दुबे का राइड हैंड कहे जाने वाला व सबसे खास आदमी अमर दुबे को पुलिस ने अपनी बुलेट से यमलोक पहुंचा दिया। अमर विकास के शूटरों में सबसे भरोसेमंद माना जाता था। हमेशा राइफल लेकर विकास के साथ रहता था। उसके बाद कानपुर पुलिस टीम फरीदाबाद में गिरफ्तार विकास दुबे के खास प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में प्रभात मिश्रा ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, उसने पुलिस पर फायरिंग भी कर दी। पुलिस ने ज्वाबी कार्यवाही करते हुए प्रभात मिश्रा को ढेर कर दिया। प्रवीण उर्फ बउवा भी इटावा में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान ढहाया। बकरू गांव निवासी प्रवीण उर्फ बउवा ने देर रात महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। पुलिस को लूट की सूचना मिलते ही पुलिस ने सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर बउवा को घेर लिया था। पुलिस और बउवा के बीच फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान बउवा को भी यमलोक पहंुचा दिया। बहराइच, गोरखपुर का बड़ा हिस्ट्रीशीटर पन्ना यादव 50 हजार रूपये का इनामी बदमाश को बहराइच में हुए एनकाउंटर में पुलिस ने उसको ढेर कर दिया। जनपद मेरठ में 50 हजारी बदमाश दीपक सिद्धू का पुलिस ने अपनी बुलेट से वेलकम कर अपराध की दुनिया से दी एंड कर दिया।
मेरठ जोन में 65 बदमाषों का बुलेट से स्वागत कर, किया दी एंड
आईपीएस प्रशांत कुमार ने मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक पद पर रहते हुए जोन के नौ जनपदों में बदमाशों को बदहवास करने में आईपीएस प्रशांत कुमार के अभियान कारगर रहे। आईपीएस प्रशांत के पुलिस के खौफ से अपराधी थर-थर कांपते हुए थानें पहुंचकर अपराध से तौबा करते नजर आने लगे थे। आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने मेरठ जोन में 3 साल केे कार्यकाल में प्रशांत कुमार द्वारा मेरठ जोन में अपराध नियंत्रण एवं अपराधियों की कमर तोड़ने के लिये शासन की जीरो टोलरेंस की नीति का पालन करते हुए 2273 मुठभेडें हुई, जिनमें 65 दुर्दांत अपराधियों को तो हेल एक्सप्रेस से यमराज की चैखट पर पहुंचाया और 1332 अपराधियों को पुलिस ने अपनी बुलेट से स्वागत कर कारागार एक्सप्रेस से जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम करते किया तथा 2310 अपराधी पुलिस के भय से न्यायलय में आत्मसर्मपण कर जेल जा चुके है। पुलिस के साथ आमना-सामना होने पर खाकी भी जौहर दिखाने से कभी पीछे नहीं हटी और कई मुठभेड़ में खुद आईपीएस प्रशांत कुमार पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए शामिल रहे। आईपीएस प्रशांत कुमार पर मेरठ जोन की कमान संभालने के बाद कानून एवं व्यवस्था की बड़ी चुनौती थी। जिसको एडीजी प्रशांत ने चुनौती मानते हुए कानून एवं व्यवस्था को कायम करने में सक्षम रहे। आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस ने मुठभेड़ में 65 अपराधियों को हेल एक्सप्रेस में सवार कर दिया। आईपीएस प्रशांत कुमार की पुलिस ने 2020 का गणतंत्र दिवस भी नये अंदाज में मनाते हुए कुख्यात लखटकिया बदमाश चांद को अपराध की दुनिया से ओझल कर दिया और इसके बाद दो लाख के ईनामी बदमाश शक्ति नायडू को हेल एक्सप्रेस में सवार कर दिया। पुलिस ने जिन 65 अपराधियों को आमना-सामना होने पर यमलोक पहुंचाया मेरठ जोन में मारे गये बदमाशों में यूं तो कई बड़े नाम हैं, लेकिन एडीजी प्रशांत कुमार की बड़ी उपलब्धियों में लखटकिया बदमाश सबसे ऊपर रहे। इनमें सबसे बड़ी उपलब्धि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश यानि तीन राज्यों की पुलिस का सिरदर्द कुख्यात बलराज भाटी का एनकाउंटर रहा। बलराज पर तीन राज्यों से ढाई लाख का ईनाम घोषित था। इसके बाद बड़े बदमाशों में आईपीएस प्रशांत की पुलिस ने हाल ही में दो लाख के ईनामी कुख्यात अपराधी शक्ति नायडू का अंत किया। डेढ़ लाख के इनामिया कुख्यात लुटेरे चांद मौहम्मद का सफाया पुलिस इससे पहले कर चुकी हैं, जोकि इनामी बदमाशों के लिहाज से तीसरा बड़ा नाम था। जबकि आईपीएस प्रशांत कुमार के एडीजी मेरठ जोन के पद पर मौजूदा कार्यकाल की बड़ी चुनौती की बात करें तो दरोगा का कत्ल कर पुलिस हिरासत से फरार एक लाख के ईनामी बदमाश रोहित सांडू और उसके साथियों का एनकाउंटर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखी जाती है। आईपीएस प्रशांत कुमार के कार्यकाल में बलराज भाटी व शक्ति सहित 10 बदमाश एक लाख के इनामी थे, जो अपराध की दुनिया में दहशत का पर्याय बने रहे। बदमाशों के खात्मे ने सरकार का इकबाल बुलन्द किया और मेरठ जोन में आईपीएस प्रशांत की पुलिस जौहर दिखाने में कमतर साबित नहीं रही। एडीजी के रूप में पहले ही ऑपरेशन से आईपीएस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश में चले अपराध उन्मूलन अभियान में अव्वल पायदान पर खड़े नजर आये थे। उत्तर प्रदेश के दूसरे जोन मेरठ जोन को बदमाशों के खिलाफ चली मुहिम में पछाड़ नहीं पाये थे। आईपीएस प्रशांत कुमार के कार्यकाल में मेरठ जोन में खौफ का व्यापार करने वाले बदमाशों के अंदर खाकी की ऐसी दहशत पैदा हुई कि वह अपराध के रास्तों को छोड़कर थानों में जाकर अपराध न करने की कसमें खाते नजर आने लगे। आईपीएस प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'गोली मारोगो तो गोली खाओगे' के फार्मूले को लागू कर अपराध की दुनिया के सहारे समाज में दहशत फैलाने वालों को ही खाकी के जौहर से भयभीत करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी, इसलिए ही मेरठ जोन को अपराधियों की कब्रगाह कहा जाने लगा था''