कारतूस घोटाले में 24 पुलिसकर्मियों को सुनाई 10-10 साल की सजा
रामपुर। बहुचर्चित कारतूस घोटाले में रामपुर की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में रामपुर ग्रुप सेंटर के दो हवालदार के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस के 22 जवानों को 10-10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने सभी पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार एसटीएफ के एक अधिकारी ने कारतूस घोटाले को लेकर 29 अप्रैल 2010 को थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसी दिन दो सीआरपीएफ के हवलदारों की गिरफ्तारी हुई थी। इनसे भारी मात्रा में कारतूस और हथियारों के पुर्जे बरामद हुए थे। साथ ही इन हवलदारों की निशानदेही पर 23 और वर्दीधारियों को गिरफ्तार किया गया था। यह अन्य वर्दीधारी दूसरे जिलों के आर्मोरर हैं। इनमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है। इन सभी पर आरोप था कि इन्होंने नक्सलियों को सरकारी हथियारों की आपूर्ति की थी।
दंतेवाड़ा में आतंकी हमले में कुछ इस प्रकार के इनपुट्स मिले थे कि हमले में नक्सलियों के द्वारा सरकारी इम्यूनिशन का प्रयोग किया गया। इन सूचनाओं के आधार पर एसटीएफ लखनऊ ने रामपुर में सीआरपीएफ के दो हवलदारों को रंगे हाथ पकड़ा था, जिसको लेकर कोर्ट ने आज सजा सुनाई है।
डीजीसी प्रताप मौर्या ने बताया कि रामपुर में आज कारतूस कांड में सजा सुनाई गई। इस प्रकरण के दोषी 24 वर्दीधारियों को एक दिन पहले दोषी करार दिया गया था। वर्दीधारियों पर आतंकवादियों को सीआरपीएफ का इम्यूनिशन सप्लाई करने का दोष सिद्ध हो चुका है। लखनऊ एसटीएफ ने 13 साल पहले 25 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी।
26 अप्रैल 2010 को सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वालानगर में रेलवे क्राॅसिंग के पास से एसटीएफ की टीम ने सीआरपीएफ के दो हवलदार विनोद और विनेश पासवान को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने उनके कब्जे से भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए थे। साथ ही आरोपियों से इंकसास रायफल और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था। इसके बाद दोनों की निशानदेही पर प्रयागराज पीएसी से रिटायर्ड एक दरोगा यशोदानंदन, मुरादाबाद पीटीसी के एक आर्मोरर नाथीराम सैनी समेत बस्ती, गोंडा, बनारस समेत कई जिलों से पुलिस व पीएसी के आर्मोरर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश के बाद इस प्रकरण की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। तब से इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज ईसी एक्ट की कोर्ट में चल रही है। चार अक्टूबर को बहस पूरी हो गई थी। अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
कारतूस कांड में मुख्य आरोपी बनाए गए पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन की मौत हो चुकी है। मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रयागराज निवासी यशोदानंदन को पुलिस ने जेल भी भेजा था। बाद में जमानत मिलने के बाद ट्रायल के दौरान यशोदानंदन की मौत हो गई। कोर्ट में यशोदानंद के खिलाफ चल रही कार्रवाई की फाइल को बंद कर दिया।
एडीसी प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि अब इस मामले में कोर्ट 24 वर्दीधारियों को स्पेशल जज ईसी एक्ट विजय कुमार सैकंड ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। सभी को 10-10 साल की सजा और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
वार्ता