फर्जी चैक से 24 लाख निकालने का भंडाफोड़

फर्जी चैक से 24 लाख निकालने का भंडाफोड़

प्रयागराज। फर्जी चैक के माध्यम से धोखाधड़ी कर 24 लाख रुपये निकालने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 7.5 लाख रुपये भी बरामद किये हैं।

डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के निर्देशन में प्रयागराज पुलिस प्रतिदिन ही अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रही है। आज भी इस कड़ी में बहरिया थाना पुलिस ने फर्जी चैक के आधार पर बैंक एकाउंट से 24 लाख रुपये निकालने के मामले का भंडाफोड़ कर दिया। गौरतलब है कि प्रयागराज के बहरिया थाना क्षेत्र निवासी गीता शर्मा (सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी) ने विगत 5 जनवरी को थाने पर तहरीर दी थी। गीता शर्मा ने बताया था कि उसका बचत खाता बैंक ऑफ़ बड़ौदा बहरिया में है। गीता के अनुसार विगत 24 दिसम्बर को दो चैकों के माध्यम से उसके बैंक खाते से 24.50 लाख रुपये निकाल लिये गये थे। गीता शर्मा का कहना है कि जिन चैकों के माध्यम से रुपये निकाले गये हैं, वे मूल चैक उसके पास हैं।

धोखाधड़ी से रुपये निकाले जाने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी थी। डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के निर्देशन में पुलिस उक्त केस की गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई थी। आज पुलिस को सूचना मिली कि धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से रुपये निकालने वाले संदिग्ध विगंहिया हाईवे ओवरब्रिज के पास मौजूद हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और घेराबंदी करते हुए कुलदीप सिंह पुत्र उमाशंकर सिंह निवासी पूराफतेह मौहम्मद थाना नैनी प्रयागराज, अंकित कुमार दूबे पुत्र शरद कुमार दूबे निवासी चंदूपुर अमरायन थाना सराय कौशाम्बी, दानिश पुत्र मंजूर हुसैन निवासी जमखुरी थाना मऊआइमा प्रयागराज को हिरासत में ले लिया।


पुलिस ने उनके पास से धोखाधड़ी कर निकाले गये 7.5 लाख रुपये, घटना में प्रयोग किये गये तीन मोबाइल बरामद किये। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि महेन्द्र सरोज पुत्र नंदनलाल सरोज निवासी रज्जूपुर थाना बहरिया द्वारा एक योजना के तहत उन्हें रुपये देने का लालच दिया गया था। लालच के चलते वे उसकी योजना में शामिल हो गये थे। योजना के बाद अंकित व कुलदीप सिंह के खाते में धोखाधड़ी के बाद ज्यादा रुपये आ गये, जिसमें से ज्यादातर रुपया महेन्द्र सरोज ने ले लिया और बाकी बचे रुपयों को उन्हें दे दिया। उक्त रुपयों को आपस में बांटने के लिए वे उक्त स्थान पर एकत्रित हुए थे। पुलिस जांच में पता चला कि महेन्द्र सरोज द्वारा वर्ष 2018 में थाना सिविल लाइन में अनुज मिश्रा प्रबंधक कारवी कम्प्यूटर सैंटर के खाते से धोखाधड़ी करके 6 लाख रुपये निकाल लिये थे। उक्त मामले में वह जेल भी जा चुका है। पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार, एसआई शुभनाथ साहनी, कांस्टेबिल छोटेलाल यादव, अर्पित कुमार आदि मौजूद रहे।

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