जन्मदिन विशेष- पिता के हौसले ने अभिषेक को बनाया IPS
बागपत। 2011 बैच के आईपीएस अफसर अभिषेक सिह का बचपन से पढाई में मन नही था मगर पिता ने उनको हर मोड़ पर सपोर्ट किया और उनके हौसले को बढ़ाने का काम करते आये है। अभिषेक सिंह के पिता के हौसले ने उनको आईपीएस अफसर बना दिया। आईपीएस अफसर अभिषेक सिंह कई जनपदों अच्छी कप्तानी पारी खेलकर अपराधियों को दबोचकर सलाखों के पीछे डालते रहे है। आईपीएस अभिषेक सिंह ने आंतक का पर्याय बन रहे लखटकिया इनामी बदमाश को अपनी गोली का मजा चखाते हुए बदमाश का अंत कर दिया था। आईपीएस अफसर एवं एसपी बागपत अभिषेक सिंह के जन्मदिन पर विशेष...
बता दें कि अभिषेक सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद अम्बेडकरनगर के आर.बी सिंह के परिवार में 19 अक्टूबर 1986 को हुआ था। अभिषेक सिंह के पिता सूबे की राजधानी लखनऊ में वकालत करते थे। इसी कारण उनकी शिक्षा लखनऊ में ही हुई। अभिषेक सिंह की बड़ी बहन सरकार नौकरी में है। अभिषेक सिंह का पढाई में मन नही लगता था। उनके पिताजी वकील थे। वह पढाई को बखूबी समझते थे। उनकी मां ने अभिषेक सिंह को हिंदी का सुलेख लिखने को दिया। अभिषेक सिंह कुछ देर बाद सुलेख से इरीटेट हो गये थे तो उन्होंने अपनी किताब को उठाकर फेंक दिया। उसके बाद अभिषेक सिंह की उसकी माता ने पिटाई की। इण्टरमीडीएट की परीक्षा को पास करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करना शुरू किया था। अभिषेक सिंह के परिवार के पास उनकी कोचिंग के लिये रूपये नही थे। उनके पिता ने अभिषेक सिंह की कोचिंग के लिये लोन लिया।
अभिषेक सिंह कोे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के पश्चात 2009 में आस्ट्रेलिया की एक कम्पनी में नौकरी मिल गयी थी। उस नौकरी का सालाना वेतन 25 लाख रूपये था। इस नौकरी को छोड़कर अभिषेक सिंह अपने देश में आकर जनता की सेवा चाहते थे। उन्होंने अपने पिता से अपनी मन की बात बता दी तो पिता ने उनको सपोर्ट कर अभिषेक सिंह का हौसला बढ़ाते हुए देश वापस आने को कह दिया था। वह इस नौकरी को छोड़कर वह अपने देश में आ गये थे। भारत आकर अभिषेक सिंह ने सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दी थी। अभिषेक सिंह ने एक साथ दो परीक्षा दी और दोनो परीक्षा में सफल हो गये थे। अभिषेक सिंह दोनो परीक्षाओं में सफल होने के पश्चात सलेक्ट हो गये थे। जिसमें एक केट और दूसरा यूपीपीएससी है। अभिषेक सिंह उत्तर प्रदेश कैडर में 2011 बैच के आईपीएस अफसर बन गये थे।
आईपीएस अफसर अभिषेक सिंह ने लखनऊ एसटीएफ एसएसपी रहते हुए उन्होंने जनपद प्रतापगढ में एक लखटकिया बदमाश को अपनी गोली का मजा चखाते हुए यमलोक पहुंचाने का काम किया था। आतंक का पर्याय बने एक लाख के इनामी बदमाश तौकीर अहमद पुत्र हफीज अहमद निवासी आजाद नगर को कोतवाली पुलिस व एसटीएफ को काफी दिनों से तलाश थी। एसटीएफ लगातार उसके पीछे पड़ी थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था। एसटीएफ को इनपुट मिला कि तौकीर अपने साथी के साथ प्रतापगढ़ में मौजूद और किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। चूंकि तौकीर ने मिठाई कारोबारी आशीष मौर्य उर्फ पिंटू मौर्य से 20 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की थी और न देने पर ईद का चांद देखने के बाद अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने के लिए धमकाया था। जिसके बाद तत्कालीन एसटीएफ लखनऊ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने अपनी टीम तौकीर को दबोचने के लिए प्रतापगढ़ आ धमकी। करीब दस राउंड फायरिंग के बाद बाइक छोड़कर भाग रहा एक बदमाश गोली लगने से गिर पड़ा था। फायरिंग रुकने के बाद गोली लगने से घायल बदमाश के पास पुलिसकर्मी पहुंचे। उसकी पहचान एक लाख के इनामी तौकीर अहमद के रूप में हुई। आनन-फानन में उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।