MEERUT ZONE में नंबर 1-SSP अजय ने 9 CRIMINALS को किया HELL EXPRESS में सवार

MEERUT ZONE में नंबर 1-SSP अजय ने 9 CRIMINALS को किया HELL EXPRESS में सवार

मेरठ। सूबे के पश्चिम में मेरठ जोन के जनपद मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने 9 अपराधियों को हेल एक्सप्रेस में सवार कर दिया। एसएसपी अजय साहनी ने जनपद मेरठ को मेरठ जोन में क्रिमिनल को दुनिया से आउट करने में नंबर वन है। एसएसपी अजय साहनी ने 2 जुलाई 2019 को एसएसपी के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। एसएसपी अजय साहनी को कार्यभार ग्रहण किये हुए लगभग 10 दिन ही हुए थे। उस 10 दिन बाद ही एसएसपी को बड़ी सफलता मिली। एसएसपी अजय साहनी ने 25-25 हजार के दो अपराधियों को अंत किया तो उसके चार दिन बाद ही फिर 16 जुलाई को अमित उर्फ शेरू व रविन्द्र कालू को यमलोक पहुचांया। 12 सितम्बर को 25-25 हजार के दो बदमाशों पंकज उर्फ बन्टी व शहजाद को दुनिया से रिहा किया। उसके बाद 20 अक्टूबर को 75 हजार के ईनामी बदमाश संजीव उर्फ पकौडी का अंत किया। 73वें गणतंत्र दिवस पर 1,50,000 के ईनामी बदमाश चांद को दुनिया से आजादी दे दी और उसके बाद 18 फरवरी को दो लाख का ईनामी षक्ति को मुठभेड़ में पुलिस ने ढेर कर दिया। आईपीएस अजय साहनी आजमगढ, बिजनौर, सिद्वार्थनगर, अलीगढ, बाराबंकी आदि जनपदों में कप्तान के रूप में कार्य संभाल चुके है। अलीगढ में पुलिस कप्तान के पद पर रहते हुए अपने कार्यकाल में आईपीएस अजय साहनी ने 7 बदमाषों को यमलोक पहुचांने का काम किया था। आईपीएस अजय साहनी को भी एनकाउन्टर स्पेशलिस्ट माना जाता है। आईपीएस अजय साहनी सूबे की राजधानी लखनऊ में पीएससी कमांडेंट के पद पर भी तैनात रहे। वर्तमान में वह जनपद मेरठ के एसएसपी पद पर कमान संभाल रहे है। आईपीएस अजय साहनी के द्वारा मेरठ में पुलिस कप्तान का पद ग्रहण करने के बाद से ही बदमाशों की यहां पर शामत आयी हुई है। जनपद में एसएसपी अजय साहनी ने कमाल की कप्तानी कर दिखाई है।

पुलिस ने अपराधी शकील और भूरे को पहुंचाया यमलोक

मेरठ में निजी कंपनी के कलेक्शन एजेंट से हुई 9.90 लाख की लूट में वांछित चल रहे दो बदमाशों को पल्लवपुरम पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। दोनों बदमाशों पर 25-25 हजार रुपये के इनाम थे। दोनों की पल्लवपुरम और लिसाड़ी गेट थाने में हिस्ट्रीशीट खुली थी। इस लुटेरे गैंग के तीन बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि इन दोनों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश चल रही थी। इस मुठभेड़ में पल्लवपुरम इंस्पेक्टर, एक दरोगा और एक सिपाही गोली लगने से घायल हो गए। मुठभेड़ की सूचना पर एडीजी जोन, आईजी रेंज, एसएसपी, एसपी सिटी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस के अनुसार रुड़की रोड पर बीती सोमवार सुबह कंपनी बाग के पास बाइक सवार बदमाशों ने निजी कलेक्शन एजेंसी के एजेंट अजित मलिक से 9.90 लाख रुपये लूटे थे। आईजी रेंज आलोक सिंह और एसएसपी अजय साहनी ने बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की थीं। लूट की घटना में उस वक्त उसके साथ जाकिर काॅलोनी लिसाड़ी गेट निवासी भूरा भी था। भूरा की भी थाना लिसाड़ी गेट में हिस्ट्रीशीट खुली थी। एसएसपी ने इन दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था। बता दें कि तीनों बदमाशों के पकड़े जाने के बाद सीओ जितेंद्र सरगम और इंस्पेक्टर पल्लवपुरम जनक सिंह पुंडीर की टीम शकील और भूरा की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही थी। दोनों बदमाशों की सटीक सूचना पर सीओ और इंस्पेक्टर की टीमों ने पल्लवपुरम फेस-2 की उदय पार्क कॉलोनी की घेराबंदी कर ली। इस दौरान बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई, जिसमें शकील और भूरा ने पुलिस टीम पर गोलीबारी कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में दो बदमाश ढेर हो गए, जिनकी शनाख्त शकील और भूरा के रूप में की गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने बताया कि इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

अमित और कालू को 10 घण्टे में किया पुलिस ने दुनिया से आउट

मेरठ के दौराला क्षेत्र में स्काॅरपियों लूटकर भाग रहे दो बदमाशों का पुलिस से सामना दौराला-सरधना रोड पर आलू फार्म मछरी के सामने हुआ। दोनों तरफ से गोली चलने से मार्ग करीब 20 मिनट बंद रहा। बदमाशों की कार खेत में गिर गई। मुठभेड़ में अमित उर्फ शेरू निवासी मुजफ्फरनगर और रविंद्र उर्फ कालू निवासी हरियाणा पुलिस की गोली लगने से ढेर हो गए मुठभेड़ में सीओ दौराला जितेंद्र सरगम और उनके हमराह सिपाही दीपक को भी गोली लगी। पुलिस के मुताबिक, दोनों बदमाश मुजफ्फरनगर में रोहित सांडू के साथ पुलिस से हुई मुठभेड़ में शामिल थे लेकिन बचकर भाग निकले थे। मुठभेड़ स्थल पर एसएसपी अजय कुमार साहनी पहुंचे और पुलिसवालों को शाबाशी दी।

पुलिस ने बन्टी व शहजाद को किया दुनिया से रिहा

पुलिस का बदमाशों के खिलाफ ऑपरेशन आल आउट जारी है। मेरठ पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें 25-25 हजार के दो इनामी बदमाश मारे गए. हालांकि इस मुठभेड़ में दो सिपाही भी गोली लगने से घायल हो गए जिसमें एक सिपाही भी गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों की पहचान पंकज उर्फ बन्टी और शहजाद के रूप में हुई दोनों जनपद मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक ये दोनों बदमाश कांधला में 96 किलो चांदी की लूट की घटना में शामिल रहे।

पुलिस ने 75 हजारी ईनामी पकौडी को किया ढेर

सरूरपुर गांव की वर्तमान महिला प्रधान कविता की हत्या करने के उद्देश्य से संजीव बाइक से अपने तीन साथियों के साथ पहुंचा था। बदमाशों ने कविता पर घात लगाकर फायर किया, लेकिन वह बाल बाल बचीं। हमले की सूचना एसएसपी को मिली, जिसके बाद जनपद में पुलिस की चेकिंग व घेराबन्दी शुरु कर दी गई। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच और कई थानों की फोर्स को तत्काल बदमाशों की घेराबन्दी व गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए। चेकिंग के दौरान गांव सरूरपुर से काकेपुर रोड पर बाइक सवार संदिग्ध व्यक्तियों को पुलिस द्वारा रूकने का इशारा किया गया, लेकिन बदमाश नहीं रुके और पुलिस व क्राइम ब्रांच टीम पर फायरिंग कर दी। जबाबी फायरिंग में एक बदमाश गोली लगने से घायल हो गया। जिसको उपचार के लिए चिकित्सालय रवाना किया गया। जहां चिकित्सकों ने बदमाश को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने जांच में मृतक बदमाश की शिनाख्त जनपद अपराधी संजीव उर्फ पकौड़ी के रूप में की। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि संजीव पकौड़ी ने सरूरपुर गांव की महिला प्रधान के पति नीटू की पूर्व में हत्या कर दी थी। जिसके बाद संजीव पकौडी ने नीटू के भाई प्रविन्द्र की भी हत्या कर दी थी। जिसकी एक मात्र गवाह महिला प्रधान बची थी। उसे मारने के लिए संजीव आया था। संजीव पकौडी शातिर किस्म का लुटरा व हत्यारा था, जो कुख्यात बदमाश योगेश भदौड़ा के गिरोह से जुडा था। वह कई वर्षो से फरार चल रहा था। पुलिस से छिपने के लिए संजीव पकौड़ी अपने साथियों के साथ जंगल व खेतों में ठिकाना बना कर रहता था।

पुलिस ने लखटकिया चांद का किया अंत

मेरठ जिले में लूट की वारदात को अंजाम देकर भाग रहे डेढ़ लाख के इनामी बदमाश चांद मोहम्मद उर्फ काले की पुलिस से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में पुलिस ने चांद मोहम्मद को गोली मारकर ढेर कर दिया। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हेड कांस्टेबल मनोज दीक्षित को पेट में गोली लगी, वहीं, टीपी नगर थानाध्यक्ष दिनेश चंद्र चोट लगने के कारण जख्मी हुए। एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि, चांद मोहम्मद कुख्यात शारिक गैंग का सदस्य था। उस पर मेरठ समेत कई जिलों में 36 मुकदमे दर्ज हैं। सहारनपुर पुलिस ने 50 हजार व मेरठ से एक लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि टीपीनगर के शिवपुरम में मोनू और चंद्रवीर से लूटपाट की गई। विरोध करने पर दोनों को घायल कर दिया गया। बदमाश मोनू की स्कूटी भी लूट ले गए। उसके बाद टीपीनगर पुलिस और सर्विलांस टीम ने बदमाशों का पीछा किया। चार घंटे की कांबिंग के बाद बदमाशों की बागपत रोड पर घेराबंदी की गई। डीपीएस स्कूल के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिस पर फायर कर दिया। एक गोली सर्विलांस सेल में तैनात हेड कांस्टेबल मनोज दीक्षित को लग गई। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की जिसमें एक गोली बदमाश चांद के सीने में लग गई। घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक की पहचान परीक्षितगढ़ के कुख्यात बदमाश चांद उर्फ काले के रूप में हुई। चांद का पूरे जोन में आतंक था।

पुलिस ने मुठभेड़ में लखटकिया शक्ति को किया ढे

दिल्ली का वांटेड लखटकिया इनामी शक्ति नायडू ने एक माह पहले अपने साथी की कंकरखेड़ा में गोली मारकर हत्या कर दी थी और दिल्ली के एसीपी की हत्या की साजिश रचने वाले सरगना शक्ति नायडू और पुलिस के बीच मुठभेड़ षुरू हो गई। इस दौरान बदमाशों ने फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया फिर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दो लाख का इनामी षक्ति बदमाश ढेर हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। मेरठ पुलिस ने दिल्ली के एसीपी और मेरठ के इंस्पेक्टर की हत्या की साजिश को लेकर बड़ा खुलासा किया था। दिल्ली निवासी सरगना शक्ति नायडू दोनों की हत्या कराकर पश्चिमी यूपी में अपना नेटवर्क जमाना चाहता था। इसके लिए उसने अपने साथियों के संग मिलकर खौफनाक साजिश रची थी। इंस्पेक्टर और एसीपी की हत्या का दिन मुकर्रर किया लेकिन एन वक्त पर पूरी वारदात पलट गई और बदमाशों में आपस में ही गोलीबारी हो गई। इसमें कुख्यात नायडू के साथी बदमाश चाचा और भतीजे को गोली लगी जिसमें भतीजे की मौत हो गई। दिल्ली स्पेशल सेल के एसीपी (एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस) ललित मोहन नेगी ने दिल्ली निवासी सरगना शक्ति नायडू पर मकोका की कार्रवाई की थी। जिसके बाद नायडू ने एसीपी को रास्ते से हटाने की प्लानिंग करनी शुरू कर दी। एसीपी का देहरादून आना जाना था, ऐसे में कुख्यात नायडू ने मेरठ में अपना नेटवर्क मजबूत करना शुरू किया ताकि वह एसीपी को आसानी से निशाना बना सके। लेकिन उसकी इस प्लानिंग में मेरठ का एक इंस्पेक्टर राह का रोड़ा बन रहा था।

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