बर्थडे स्पेशल- मुजफ्फरनगर में बदमाशों के घर में सीढ़ी लगाकर घुस जाते थे आलोक प्रियदर्शी

अम्बेड़करनगर। तेजतर्रार आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी ने अपनी पुलिस सर्विस में बदमाशों के खिलाफ सख्त अभियान हमेशा जारी रखा। डिप्टी एसपी से शुरू हुई उनकी नौकरी अब आईपीएस अफसर तक आ पहुंची हैं। विभिन्न जनपदों में अपराधियों को सबक सिखाने वाले वर्तमान में अम्बेड़करनगर के पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी के जन्मदिन पर विशेष....
मुजफ्फरनगर में आलोक प्रियदर्शी जब सीओ सिटी का कार्यभार संभाल रहे थे तो शहर कोतवाली के खालापार मौहल्लें में सीढ़ी लगाकर डकैती डालने वाले गैंग के कई सदस्य रहते थे। पुलिस उनके यहां दबिश देती थी तो वह छत के रास्ते से भाग जाते थे। बदमाशों की इस कारगुजारी को जानकर सीओ आलोक प्रियदर्शी ने भी पुलिस बल के साथ सीढ़ी भी लेकर चलने लगे थे और उनके दबिश देने के नये तरीके का नतीजा रहा कि कई कुख्यात डकैत पुलिस के हत्थें चढ़ गये थे।
ज्ञात हो कि आलोक प्रियदर्शी ने बिहार के पटना में 23 अगस्त 1966 को ब्रज मोहन प्रसाद के परिवार में जन्म लिया। आलोक प्रियदर्शी की प्रारंभिक शिक्षा भी बिहार में ही हुई। आलोक प्रियदर्शी ने मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री करने के बाद मास्टर ऑफ फिलॉसफी भी की हैं। आलोक प्रियदर्शी का उत्तर प्रदेश की राज्य पुलिस सेवा में 1991 में चयन हो गया। आलोक प्रियदर्शी पीपीएस अफसर बनने के बाद कई जनपदों में तैनात रहे। पीपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी 2007 में जनपद मेरठ में क्षेत्रधिकारी के पद पर तैनात रहे। पीपीएस आलोक प्रियदर्शी जनपद मुजफ्फरनगर के एसपी देहात के पद पर मुकर्रर रहे। पीपीएस आलोक प्रियदर्शी को शासन ने जनपद मेरठ में 22 अक्टूबर 2016 को एसपी सिटी के पद पर भेजा था। पीपीएस अफसर आलोक कुमार ने जनपद मेरठ के एसपी सिटी के पद पर रहते हुए जनपद के थाना नौचंदी क्षेत्र में नये साल से एक दिन पहले गणपति प्रकाशन के मालिक अभय रस्तोगी के घर में डकैती कर लाखों का माल लूट ले जाने वाले गैंग का खुलासा कर दिया था। पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पीपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी ने बताया था कि 5 बदमाशों को लूटे गए माल के साथ पकड लिया और जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया हैं। आलोक कुमार ने बताया कि अपराधियों ने पुलिस को पूछताछ में अपना नाम व पता समीर पुत्र हारून, फरीद पुत्र यामीन, चांद पुत्र अलीमुद्दीन, नईम पुत्र मैनुद्दीन व मौ. आकिल पुत्र नन्हें निवासी लिसाडी गेट क्षेत्र के रहने वाले बताया था। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से दो देशी तमंचे, तीन चाकू, लूटी गई घडी, मोबाइल, आभूषण, चाबी, चांदी की मूर्ति, नगदी व स्कूटी आदि सामान बरामद भी किया था।
उसके बाद पीपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी का वर्ष 2018 में आईपीएस में प्रमोशन हो गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसपी के पद पर तैनात किया गया। एसपी के पद पर रहते हुए भी एसपी एसटीएफ आलोक कुमार के नेतृत्व में लखनऊ एसटीएफ की टीम ने संडीला रेलवे स्टेशन के निकट आजमगढ़ के शातिरों को असलहा सप्लाई करने आए पांच लोगों को गिरफ्तार किया और पुलिस ने अपराधियों के कब्जे से 23 पिस्टल और 23 मैगजीन बरामद की थी। एसटीएफ लखनऊ टीम को जानकारी मिली कि आजमगढ़ के शातिर अवैध शस्त्रों की सप्लाई लेने के लिए मध्यप्रदेश के सप्लायरों से संडीला रेलवे स्टेशन के निकट मिलेंगे। इस पर एसपी एसटीएफ आलोक कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ के एसआई मनोज कुमार पांडेय ने आजमगढ़ से ही संदिग्धों की निगरानी शुरू करा दी। उसके बाद संडीला रेलवे स्टेशन के निकट साढ़े तीन बजे पुलिस टीम को लेकर पहुंच गये उसी दौरान छह संदिग्ध युवक नजर आए तो पुलिस ने नाकाबंदी शुरू कर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया था कि गैंग का मुखिया सौरभ यादव असलहों की सप्लाई करता है। पुलिस को तस्करों के सरगना सौरभ यादव ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के करतार सिंह से असलहे मंगवाकर यूपी के अलग-अलग शहरों में सप्लाई करता था। करतार सिंह उसे 12 हजार रुपये में पिस्टल देता था जिसे वह गौरव, सद्दाम और केहर यादव के जरिये 25 हजार रुपये में बेचता था। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि आकाश डाबर, सौरभ यादव, केहर सिंह यादव, सद्दाम हुसैन और गौरव मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
आलोक प्रियदर्शी ने कई जनपदों में अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी कमर तोड़ने का काम किया। पीपीएस अफसर के रूप में लगभग 27 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शासन ने उनको प्रमोशन दे दिया। आलोक प्रियदर्शी पीपीएस अफसर के रूप में कार्य करने के बाद 2018 बैच के आईपीएस अफसर बन गये। आईपीएस आलोक प्रियदर्शी को शासन ने प्रमोशन के कुछ दिन बाद ही 22 अगस्त 2018 को हरदोई के पुलिस कप्तान की कमान सौंप दी थी। जब आईपीएस अफसर आलोक प्रियदर्शी हरदोई के पुलिस कप्तान के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे। उसी दौरान हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के बाद पूरे देश में आक्रोश माहौल था। हर कोई इस घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा की बात कर रहा था, इस बीच सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अफसर का वीडियो वायरल हो रहा था। उस वीडियो में एसपी रात में सड़क पर अकेली जा रही लड़की की मदद करते नजर आ रहे थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को देख एसपी की खूब तारीफ कर रहे थे। जीं हां हम बात कर रहे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के एसपी आलोक प्रियदर्शी की। एसपी आलोक प्रियदर्शी देर रात एक मीटिंग से लौट रहे थे। उसी दौरान रास्ते में सुनसान सड़क पर एक लड़की को अकेले पैदल जाते हुए देखा तो लड़की को देखते ही एसपी ने अपने गाड़ी रोकी और उसके पास जाकर इतनी देर रात अकेले जाने की वजह पूछी तो लड़की ने एसपी आलोक प्रियदर्शी को बताया कि वह शहर के होटल बसंत लीला में कार्यरत है और काम में देरी हो जाने की वजह से वह देर रात अपने घर जा रही थी। इसके बाद एसपी ने लड़की को अपने साथ लिया और पैदल ही उस होटल की तरफ बढ़ गये। वहां पहुंचकर उन्होंने होटल प्रबंधन से बात की और कड़ी फटकार भी लगाई। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि अगर आपके संस्थान में कोई महिलाकर्मी काम करती है और उसको देर रात हो जाती है तो उसको सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी उक्त संस्थान की होनी चाहिए। ऐसे में किसी लड़की को देर रात अकेले घर भेजना जायज नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वहां मौजूद किसी शख्स ने बना लिया और सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने इस वीडियो को देख एसपी की सराहना की थी। उसके बाद शासन ने आईपीएस आलोक प्रियदर्शी को 3 दिसम्बर 2019 को अम्बेड़कर नगर के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया था। आईपीएस आलोक प्रियदर्शी अभी-भी जनपद अम्बेड़नगर के पुलिस कप्तान के पद पर ही कमान संभाल रहे है।