कहां चला गया था मेरे जिगर के टुकड़े... फूट-फूट कर रोई मां

कहां चला गया था मेरे जिगर के टुकड़े... फूट-फूट कर रोई मां

आगरा। जिस मां से उसका लाल अलग हो जाये, उस पर क्या बीतती है, यह उससे ज्यादा शायद और कोई भी नहीं जानता है। और फिर एकाएक दो साल बाद जब उसके आने की उम्मीद ही न हो, वह लौट आये, तो शायद उससे ज्यादा भावुक और कोई भी क्षण हो ही नहीं सकता। ऐसा ही एक करिश्मा आगरा पुलिस ने कर दिखाया। दो साल पूर्व लापता हुए बालक को जब पुलिस उसके परिजनों के पास लेकर पहुंची, तो मां ने जिगर के टुकड़े को गले से लगा लिया और फूट-फूट कर रोने लगी।

एसएसपी आगरा बबलू कुमार के निर्देशन में ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत उन बच्चों को ढूंढा जा रहा है, जो कभी स्कूल नहीं गये। या फिर जो किसी भी मजबूरी वश भीख मांगने को मजबूर हैं। ऐसे बच्चों को चेहरे पर फिर से मुस्कान लाने के लिए पुलिस द्वारा कार्य किया जा रहा है।


इसी ऑपरेशन मुस्कान के तहत जीआरपी आगरा को एक बच्चा मिला। जीआरपी ने जब बच्चे से उसके परिजनों के बारे में मालूम किया, तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। जीआरपी आगरा की विशेष टीम ने बालक को ढांढस बंधाया 10-12 वर्षीय उक्त बालक का विशेष टीम को देखकर कुछ साहस बढ़ा और उसने अपने मां-बाप के बारे में टीम को बताया। टीम ने शीघ्रता करते हुए उसके परिजनों का पता लगाया और आज अचानक ही बालक को लेकर उसके परिजनों के पास पहुंच गई।


अपने जिगर के टुकड़े, जो लगभग दो वर्ष पूर्व उनसे दूर हो गया था, अचानक सामने देखकर मां खुद को संभाल नहीं सकी। वह फूट-फूट कर रोने लगी और जिगर के टुकड़े को अपने सीने से लगा लिया। बालक की दादी व अन्य परिजन बार-बार बालक की मां को चुप कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वह चुप नहीं हो रही थी। उसे अपने बेटे को पाने की इतनी खुशी थी कि वह बयां भी नहीं कर पा रही थी। इसी दौरान सूचना मिलते ही लापता बालक के पिता भी वहां पहुंच जाते हैं और बालक उनकी सीने से लिपट जाता है। पिता की आंखों से भी खुशी के आंसू गिर पड़ते हैं।

परिजनों ने जीआरपी की विशेष टीम को लाख-लाख धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे उनके लिए भगवान से कम नहीं है। उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि उनका बेटा अब कभी आयेगा, लेकिन पुलिस उनके बेटे को उनके पास ले आई। यह अहसान वे उम्र भर नहीं उतार पायेंगे।

Next Story
epmty
epmty
Top