कब रुकेंगी अमानवीय घटनाएं
नई दिल्ली। हाथरस की ही दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से और गम का माहौल है। हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में यूपी सरकार ने विपक्ष पर जातीय दंगा फैलाने का आरोप लगाया।
हाथरस में दलित युवती से गैंगरेप और उसकी मौत के बाद योगी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोला हुआ है। ऐसे में हाथरस में बलात्कार के बाद एक और बेटी की मौत हो गई है, जिसके बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस बार दरिंदों ने 6 साल की मासूम को शिकार बनाया है। दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद इलाके में 6 साल की बच्ची के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में बलात्कार किया गया था। दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई। अपनी बेटी की मौत से गुस्साए परिवार के लोग शव को सड़क पर रखकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परिवार की मांग है कि वे आरोपी के पकड़े जाने तक लड़की को दफन नही करेंगे और इगलास के पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया जाए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने असली अपराधी को नहीं पकड़ा।
हाथरस की ही दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से और गम का माहौल है। हाथरस गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में यूपी सरकार ने विपक्ष पर जातीय दंगा फैलाने का आरोप लगाया। यूपी सरकार के हलफनामे में बड़ा दावा किया गया कि परिवार के मंजूरी के बाद और हिंसा से बचने के लिए आधी रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया था। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने अयोध्या-बाबरी केस के कारण के जिलों को हाई अलर्ट पर रखने और कोरोना की वजह से भीड़ न इकट्ठा होने देने का भी जिक्र किया है। यूपी सरकार का कहना है कि अयोध्या-बाबरी केस में फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया। अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने आधी रात बाद पीड़िता की अंत्येष्टि करने की वजह भी बताई है। उसके अनुसार खुफिया एजेंसियों के इनपुट थे कि इस मुद्दे को लेकर सुबह बड़े स्तर पर हिंसा कराने की तैयारी की जा रही है। अगर सुबह तक इंतजार करते तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती थी, इसलिए परिवार की मंजूरी से रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। सरकार ने कहा कि इस मुद्दे का उपयोग करते हुए जाति और सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए राजनीतिक दलों के कुछ वर्ग, सोशल मीडिया, कुछ वर्गों के प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने जानबूझकर और सुनियोजित प्रयास किए। यूपी सरकार ने कहा कि हालांकि वो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है लेकिन 'निहित स्वार्थ' निष्पक्ष जांच को पटरी से उतारने के मकसद से प्रयास कर रहे हैं।
मालूम हो कि भारी फजीहत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दलित लड़की के गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की एंट्री बैन कर दी। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। हालांकि, परिवार वाले लगातार जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाते रहे. गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की नो-एंट्री पर कई दिनों तक बवाल चला और आखिर में बैकफुट पर आई यूपी पुलिस ने गांव के रास्ते को खोल दिया। इसके बाद परिवारवालों ने जिला प्रशासन की करतूत को बताया। मामले में बढ़ते सियासी दबाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे पीएफआई का नाम लिया जा रहा है। यूपी सरकार ने अपने दावे के बाद मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
जिस समय हाथरस रेप विक्टिम की लाश अस्पताल से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाई जा रही थी, एनसीआरबी अपना इस साल का आंकड़ा जारी कर रहा था। आंकड़ा कह रहा है कि इस साल औरतों के साथ होने वाली हिंसा में 7.3 फीसदी का इजाफा हुआ है और दलितों के साथ होने वाली हिंसा में भी इतनी ही बढ़त है। इन दोनों ही श्रेणियों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। हमारी जीडीपी का ग्राफ चाहे जितना नीचे गिरता रहे, औरतों के साथ हिंसा और बलात्कार के मामले में हम लगातार ऊपर की ओर ही बढ़ रहे हैं। देशभर में अपराधों को दर्ज करने वाली संस्था राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार भारत में हर 15 मिनट में एक लड़की के साथ रेप होता है। इन घटनाओं में गिनती की कुछ एक घटनाएं ही निर्भया, कठुआ और हाथरस जैसे मामलों की तरह सुर्खियां बन पाती हैं। हाथरस में हुए गैंगरेप से उबल रहे देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति अब किसी से छिपी नहीं है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 2019 में 7.3 प्रतिशत और 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी कारण 1 अक्टूबर को ही मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह कटु टिप्पणी की है कि ''भारत की पवित्र धरती अब 'बलात्कारियों की धरती' में बदल गई है जहां हर 15 मिनट में एक बलात्कार होता है।'' इसी तरह की टिप्पणी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने 1 अक्टूबर को बलात्कार के एक मामले की सुनवाई के दौरान की कि ''देश में नाबालिगों के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं जिन पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।'' राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक 2018 में देश में हर चैथी दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग थीं, जबकि 50 फीसद से ज्यादा पीड़िताओं की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी। आंकड़ों के मुताबिक लगभग 94 प्रतिशत मामलों में आरोपी पीड़ितों के परिचित- परिवार के सदस्य, दोस्त, सह जीवन साथी, कर्मचारी या अन्य थे।
01 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के एक गांव में 11 साल की दलित बच्ची की हत्या कर दी गई। बच्ची का सिर ईंट से कुचल दिया गया। लड़की के परिजनों ने उसकी बलात्कार के बाद हत्या किए जाने की आशंका जताई है। 01 अक्टूबर को पंजाब में नकोदर की पुलिस ने 1 नाबालिग के अपहरण और उससे बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। 01 अक्टूबर को मदुरै में 2 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 01 अक्टूबर को ही मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में तीन अज्ञात लोगों ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ बलात्कार कर डाला। 30 सितम्बर को यूपी के आजमगढ़ में 30 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पड़ोसी बच्ची (7) से बलात्कार किया, जिसकी जान बचाने के लिए सर्जरी करनी पड़ी। 30 सितम्बर को राजस्थान के सीकर में 2 लोगों ने आठवीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा से बलात्कार के बाद उसका वीडियो वायरल किया। 30 सितम्बर को ही दिल्ली में सोलह वर्षीय युवक ने एक सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला। 30 सितम्बर को फरीदाबाद में 28 वर्षीय एक युवक ने एक 8 वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया। 29 सितम्बर को ही हरियाणा के हिसार में पड़ोसी युवक ने डरा-धमका कर विवाहिता से बलात्कार किया। 29 सितम्बर को ही राजस्थान के अजमेर में अपनी मां से मिलने जा रही एक महिला से तीन लोगों ने बलात्कार किया। 29 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक छात्रा की गैंग रेप के बाद मौत हो गई। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की टिप्पणी की गंभीरता का अंदाजा इन खबरों से लगाया जा सकता है।