भविष्य को लेके अनिश्चितता का हुआ अंत, फिर खुलेंगे कॉलेज और क्लासेज
बेंगलुरु। युवाओं के भविष्य को लेकर अनिश्चितता का अंत करते हुए कर्नाटक सरकार ने 17 नवंबर से राज्य भर के कॉलेजों और डिप्लोमा कक्षाओं को फिर से खोलने का फैसला किया है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डॉ. अश्वथ नारायण, जो उच्च शिक्षा मंत्री भी हैं, ने कहा है कि कॉलेज के फिर से खुलने एवं डिप्लोमा क्लास शुरू होने से छात्र एक नये माहौल में खुद को पायेंगे। कॉलेज एवं डिप्लोमा के छात्र अपनी कक्षाओं के दौरान कालेज या ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को संस्था में भेजने के लिए अपनी सहमति देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों से राज्य में कोविड -19 महामारी के फैलने की आशंका के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद थे और अब केवल कॉलेज और डिप्लोमा को फिर से खोलने की अनुमति दी गई है और प्राथमिक और उच्च विद्यालयों को फिर से खोलने के बारे में निर्णय नहीं लिया जा सका है।
उपमुख्यमंत्री डॉ. अश्वथ नारायण ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं और कॉलेजों में आकर कक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर उनकी कक्षाएं बैचों में आयोजित की जाएंगी और इस विकल्प को छात्र चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, कॉलेजों में जाने के लिए कोई बाध्यता नहीं है और उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। माता-पिता को अपने वार्ड भेजने के लिए लिखित में अपनी सहमति देनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार कॉलेजों और डिप्लोमा पाठ्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, क्योंकि छात्रों का कल्याण बहुत महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार पर स्वास्थ्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। दिशा निर्देशों में कहा गया,"जैसा कि मैंने पहले ही कहा है, कॉलेजों में कक्षाओं में कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों की संख्या बढ़ रही है और यह बैचों को शिफ्ट के आधार पर आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक टास्क फोर्स बनेगी। लर्निंग पोर्टल ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने का विकल्प चुनने वालों के लिए लॉन्च किया जाएगा।"