समय समय की बात-360 पर लगा था लॉकडाउन-47 हजार पर भी बेफिक्री
नई दिल्ली। समूचा देश आज जनता कर्फ्यू का जन्मदिन मना रहा है। एक साल पहले कोरोना वायरस की आमद के बीच आज ही के दिन यानी 22 मार्च 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा करते हुए देशवासियों से अपने-अपने घरों में बंद रहने को कहा था। इसके अलावा मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने, हाथों को साफ सुथरा रखने जैसे तमाम गाइडलाइन के पालन के निर्देश दिए गए थे। देखा जाए तो यह एक तरह से कोरोना के प्रसार को रोकने की कोशिश व घातक बीमारी के खिलाफ अधिकारिक जंग लडने का शुभारंभ था। जनता कर्फ्यू के दौरान चारों तरफ एक अजीब सा सन्नाटा देखने को मिला था। सड़कों पर हर समय रहने वाली वाहनों के हाॅर्नो की आवाज और लोगों की चहल-पहल पूरी तरह से गायब थी। वातावरण में सिर्फ और सिर्फ पक्षियों के चहकने की आवाजें सुनाई दे रही थी। हालांकि उस समय कहा गया था कि जनता कफ्र्यू लॉकडाउन की रिहर्सल है।
उस समय किसी को भी अंदाजा नहीं था कि उनकी आंखों के सामने कोरोना वायरस उनके अपनों की जान पर झपटटा मारकर ले जायेगा। इस बीमारी की भयावहता इसी बात से जानी जा सकती है कि लोग मौत के बाद अपनों को दो कदम चलकर कंधा तक नही दे पाये थे। लोगों की आंखों के सामने ही उनके अपनों की जान जा रही थी। क्या बड़ा-क्या छोटा, क्या वृद्ध-क्या जवान कोरोना का दावानल हर किसी को अपना निशाना बना रहा था। उस समय घरों में बंद रहना ही इसका एकमात्र उपाय था। लोग लॉकडाउन के बीच इस घातक बीमारी की दवा का इंतजार भी बेसब्री के साथ कर रहे थे।
महीनों की पाबंदी के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और धीरे-धीरे इस बीच भारत में कोरोना से नीचे निजात के लिए वैक्सीन भी विकसित कर ली। आज भारत के पास कोविड-19 से मुकाबले के दो टीकें के हैं। भारत में वर्ष 2021 की 16 जनवरी से पहले चरण के टीकाकरण अभियान की शुरुआत भी हुई। फिर देखते ही देखते इस अभियान ने गति पकड़ ली। इसके कुछ समय बाद ही 1 मार्च से टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए लोगों को कोरोना वायरस से बचाव का टीका लगाते हुए खुराक दी जाने लगी।
कोविड-19 वैक्सीन विकसित किए जाने से लेकर पहले चरण के टीकाकरण अभियान के बीच कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों के मामले कम देखने को मिलने लगे। यह तभी संभव हो पाया जब देशवासियों ने मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग को जारी रखते हुए एकजुटता दिखाई। खुद अनुशासित रहे और कोरोना वायरस गाईडलाईन का पूरी तरह से पालन किया। इस बीच लोगों द्वारा लापरवाही बरती जाने लगी 2 गज की दूरी का भेद पूरी तरह से मिटा दिया गया। मुंह पर लगाया जाने वाला मास्क लोगों ने उतार कर घर की खूंटी पर टांग दिया। जिसका नतीजा यह रहा कि आज कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दिनों दिन आ रहे कोरोना संक्रमण के नए मामले लोगों की चिंता बढ़ाने वाले हैं। पिछले साल मार्च में कोरोना ने जब देश में अपनी आमद दर्ज कराई थी तो 21 मार्च 2020 तक 360 केस सामने आ गए थे। जिनमें 41 मामले विदेशियों के थे। बीते साल जनता कर्फ्यू लगने से पहले तक देश में सिर्फ 360 केस थे जो आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 16 लाख 40 हजार 081 तक पहुंच गया है। इसके अलावा एक्टिव केसों की बात करें तो अकेले महाराष्ट्र में ही यह आंकड़ा दो लाख को पार कर गया है और देश भर में फिलहाल 334646 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित है।