स्नातक तथा स्नातकोत्तर के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षायें होंगी : दिनेश शर्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षायें अगस्त तक सम्पन्न करायी जायेंगी।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मंगलवार को स्नातक प्रथम/तृतीय (विषम) तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षायें हो चुकीं है वहां स्नातक द्वितीय/चतुर्थ (सम) सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंको के आधार पर अंतर्वेशन से तथा मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं।
उन्होने कहा कि जहां विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं वहां, मिड टर्म/अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर विषम एवं सम सेमेस्टर के परिणाम तथा अंक अंतर्वेशन से निर्धारित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षायें सम्पन्न करायी जायेंगी। यदि स्नातक पंचम सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नही हुई हों, तो अन्तिम सेमेस्टर में प्राप्त अंको के अंतर्वेशन से पूर्व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जा सकते है।
ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जायेगा तथा वर्ष 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर अंतर्वेशन से उनके प्रथम वर्ष का परिणाम तथा अंक निर्धारित किए जा सकते हैं। स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिये
उन्होंने बताया कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षायें हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंको के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम तथा अंक निर्धारित किये जा सकते हैं और तदनुसार छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किया जायेगा। ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षायें नहीं हुई थी, उनके द्वारा द्वितीय वर्ष की परीक्षायें करायी जायेंगी और परीक्षा परिणाम के अनुसार तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्नातक तृतीय/अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को सम्पन्न कराया जायेगा।
डॉ शर्मा ने बताया कि स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के छात्रों को उत्तरार्द्ध में प्रोन्नत किया जायेगा। जब वर्ष 2022 में उत्तरार्द्ध की परीक्षायें होंगी, तो उनमें प्राप्त अंकों के आधार पर उन्हें अंतर्वेशन से पूर्वार्द्ध वर्ष के लिये अंक प्रदान किये जा सकते हैं जबकि स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षायें करायी जायेंगी।
स्नातक/स्नातकोत्तर के अन्तिम सेमेस्टर एवं अन्तिम वर्ष तथा उपरोक्तानुसार यथावश्यक स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में जारी दिशा निर्देश के संबध में उन्होंने बताया कि सभी परीक्षाएं यथासंभव अगस्त मध्य तक सम्पन्न करा ली जायें। प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जायेंगी और उनके अंको का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर किया जा सकता हैं। मौखिक परीक्षा आवश्कतानुसार आनलाइन सम्पन्न करायी जायेंगी। परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण विश्वविद्यालय स्तर से किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी कोविड-19 के कारण विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन एवं परीक्षा से सम्बन्धित कार्य गंभीरता से प्रभावित होने के कारण प्रथम वर्ष के छात्रों को द्वितीय वर्ष में इस आधार पर प्रोन्नत कर दिया गया था कि सत्र 2020-21 में ऐसे छात्रों की द्वितीय वर्ष की परीक्षा सम्पन्न होने के पश्चात द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम के आधार पर उनका प्रथम वर्ष का परिणाम घोषित किया जायेगा।
प्रदीप
वार्ता