सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा- गरीब लोग वैक्सीन के लिए कहां से लाएंगे पैसे

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वैक्सीन की कीमत को लेकर सरकार से पूछा है कि वैक्सीन को खरीदने के लिए गरीब लोग कहां से पैसे लाएंगे? देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वास्तव में कोरोना वैक्सीन की कीमत का मुद्दा बहुत गंभीर है।
शुक्रवार को देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस रविंद्र भट्ट ने कोरोना वैक्सीन की नई खरीद नीति पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि सभी वैक्सीन केंद्र सरकार क्यों नहीं खरीदती। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि राज्यों को कोरोना वैक्सीन की खरीद करने पर अधिक कीमत अदा करनी पड़ेगी। न्यायालय ने यह भी पूछा है कि केंद्र और राज्य सरकारें उन लोगों का रजिस्ट्रेशन कैसे कराऐगी जो निरक्षर हैं या जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज सरकार कहती है कि केंद्र को मिलने वाले 50 फीसदी टीकों से फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। शेष 50 फीसदी का इस्तेमाल राज्य और निजी अस्पताल करेंगे। देशभर में 59 करोड 46 लाख भारतीय 45 साल से कम उम्र के हैं और उनमें से कई गरीब और हाशिए की श्रेणी के लोग हैं। वह वैक्सीन खरीदने के लिए पैसे कहां से लाएंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे यह भी कहा है कि हम निजीकरण के मॉडल पर नहीं चल सकते हैं।
