सरकार और किसानों की वार्ता पर टिकी है पूरे देश की निगाहें

सरकार और किसानों की वार्ता पर टिकी है पूरे देश की निगाहें

नई दिल्ली। किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली बातचीत पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं। किसानों ने सरकार को अपने एजेंडे की याद दिला दी है। जिसमें वो तीनों कृषि कानूनों के साथ ही बिजली से जुड़े एक कानून को वापस करने की मांग पर अड़े हैं।

देेश की राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को चलते हुए लगभग एक माह से भी अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान सरकार की किसानों के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन दोनों पक्षों के अपनी बातों पर अडे रहने से अब तक हुई बातचीत का कोई नतीजा हाथ नही आया हैं। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत आज राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे होगी। जिसके नतीजों को लेकर सरकार और किसानों नेे अपने-अपने कयास भी लगाने शुरू कर दिये है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने कहा हैं कि हमें उम्मीद है कि वार्ता निर्णायक होगी। किसानों से एमएसपी सहित अन्य सभी मुद्दों पर खुले दिल से बात की जाएगी।


मुझे उम्मीद है कि किसानों का आंदोलन आज समाप्त हो रहा है। हालांकि, इस वार्ता के नतीजों को लेकर संशय है, क्योंकि किसान संगठन इन कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ सरकार पहले की कह चुकी है कि कृषि कानूनों में संशोधन तो हो सकता है, लेकिन उन्हें रदद नहीं किया जाएगा।

उधर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ धरनें पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा है कि देश में मजबूत विपक्ष होना जरूरी है। जिससे की सरकार को डर हो, लेकिन यहां विपक्ष का वजूद नहीं है। इसी कारण किसानों को सड़कों पर आना पड़ा। विपक्ष को अपने टेंट में बैठने के बजाए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करना चाहिए।

अब यह देखना होगा कि दोपहर 2 बजे की बैठक के बाद क्या नतीजे निकलते हैं।



Next Story
epmty
epmty
Top