स्ट्राइक रेट को अति महत्व दिया जा रहा है: मिताली राज

स्ट्राइक रेट को अति महत्व दिया जा रहा है: मिताली राज

मुंबई। भारतीय कप्तान मिताली राज चाहती हैं कि बल्लेबाज़ स्ट्राइक रेट पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने की बजाय मैच की स्थिति के अनुसार बल्लेबाज़ी करें। साथ ही वह उम्मीद करती हैं कि खिलाड़ी ज़रूरत पड़ने टीम को मुश्किल से बाहर निकालने का काम भी करेंगे।

मिताली के अनुसार भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड में खेले जाने विश्व कप में निरंतरता के साथ 250 से अधिक का स्कोर खड़ा करने का प्रयास करना होगा। पिछले साल दूसरे वनडे में बेथ मूनी के नाबाद अर्धशतक का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैसे पारी की शुरुआत में अपना समय लेकर स्कोर को चलाने के बाद आक्रामक रुख़ अपनाया जा सकता है। ऐसा करने से टीम महत्वपूर्ण साझेदारियां निभाने में भी सफल होगी।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 2-1 से गंवाई वनडे सीरीज़ में डॉट गेंदें और बाउंड्री के प्रतिशत से मिली सीख के प्रश्न का उत्तर देते हुए मिताली ने रविवार को रवानगी से पूर्व वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मुझे लगता हैं कि आप लोग स्ट्राइक रेट को कुछ अधिक महत्व (नहीं) देते हैं? क्योंकि जब भी बात बल्लेबाज़ी या बड़े स्कोर खड़े करने की होती है, इसका वर्णन आवश्य किया जाता है।"

मिताली ने कहा, "मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या आप सिर्फ़ भारतीय खिलाड़ियों के स्ट्राइक रेट पर नज़र रखते हैं। अगर आप मुझे ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ (वनडे) सीरीज़ के विषय में बात करने का मौक़ा देंगे, तो मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि निर्णायक मुक़ाबले में मूनी ने लगभग 80 गेंदों का सामना करने के बाद 50 रन बनाए थे। और वह उसे 125 रनों की नाबाद और मैच जिताऊ पारी में तब्दील करने में सफल हुई। "

मिताली ने आगे कहा, "मेरा मानना हैं कि क्रिकेट मैदान पर हो रही परिस्थितियों के अनुसार खेला जाने वाले खेल हैं। और हां, यह बात याद रखने योग्य है कि एक अच्छे स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करना महत्वपूर्ण है। लेकिन अंततः, यह बात ज़रूरी हो जाती है कि हमारा बल्लेबाज़ी क्रम किस प्रकार चुनौतियों का सामना करना है और हमारी बल्लेबाज़ी में कितनी गहराई है। इसलिए जब हमें 250 या 270 रन बनाने हैं, हमें एक अच्छे स्ट्राइक रेट से खेलना होगा। लेकिन हम अपना पूरा ध्यान केवल उसी पर केंद्रित नहीं कर सकते हैं। साझेदारियां निभाना और मैच जिताऊ पारी खेलना भी आवश्यक हैं। और यह तभी संभव हो पाता है जब आप मैच की स्थिति के अनुसार ख़ुद को ढालते हैं और अपने खेल में बदलाव करते हैं। कभी आपको तेज़ गति से रन बनाने पड़ते हैं लेकिन कुछ मौक़ों पर टीम को मुश्किल से बाहर भी निकालना पड़ता है।"

2005 और 2017 के संस्करणों में उपविजेता रही भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड में पहली बार विश्व विजेता बनने का प्रयास करेगी।


वार्ता

Next Story
epmty
epmty
Top