शर्मनाक-बेटे के अंतिम संस्कार को लिए 500 रूपये-करनी पडी दिन-रात मजदूरी

शर्मनाक-बेटे के अंतिम संस्कार को लिए 500 रूपये-करनी पडी दिन-रात मजदूरी

मुंबई। आर्थिक और विकास के लिहाज से देश के भले ही 21वी सदी में जाने की बात कही जा रही हो, मगर देश में आज भी अनेक स्थानों पर ऐसी हालत है कि लोगों को जरूरत के लिए कर्ज लेने के बाद वर्षों तक साहुकार की गुलामी करने को मजबूर होना पड़ता है। इसके बाद भी जान देकर कर्ज से पीछा छुडाना पडता है। बेटे के अंतिम संस्कार के लिए 500 रूपये लेने के बाद बदनसीब बाप से साहूकार ने दिन रात मेहनत मजदूरी कराई। कथित तौर पर पीड़ित को पीटने और उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में आरोपी साहूकार को गिरफ्तार कर लिया गया है।


महाराष्ट्र के पालघर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। जहां एक आदिवासी ने अपने मालिक की प्रताड़ना से तंग आकर मौत को गले लगा लिया है। बताया जा रहा है कि पिछले साल दिसंबर माह में आदिवासी कालू पवार के बेटे की मौत हो गई थी। दुर्भाग्य से उस समय कालू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर पाता। उसने रामदास कोर्डे नामक व्यक्ति से 500 रूपये बतौर कर्ज लिए। लेकिन जब बदनसीब बाप लिए गए 500 रूपये की अदायगी नहीं कर पाया तो साहूकार ने उससे कई महीनों तक अपने खेत में दिन-रात काम करवाया और वेतन मांगने पर उसके साथ मारपीट की। साहूकार के चंगुल में फंसे पीड़ित को जब उत्पीड़न से बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दी तो उसने मौत को गले लगाना उचित समझा। जिसके चलते आदिवासी ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने रामदास कोर्डे को कथित तौर पर आदिवासी को पीटने और उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पवार की पत्नी की शिकायत पर साहूकार के खिलाफ अलग-अलग धाराओं और बंधुआ मजदूरी प्रणाली अधिनियम की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।

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