80 किमी दूर से आये पानी से बुझी राकेश टिकैत प्यास
गाजियाबाद। प्रशासन द्वारा यूपी गेट के गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे भाकियू के धरना स्थल की बिजली पानी की आपूर्ति बंद करने से आहत हुए राकेश टिकैत ने अपनी घोषणा के मुताबिक 80 किलोमीटर दूर गांव से आया पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई। उधर भाकियू प्रवक्ता की भावुक अपील ने किसानों को बॉर्डर पहुंचने को मजबूर कर दिया है। किसान लगातार धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हरकत में आए प्रशासन ने भाकियू के यूपी गेट के गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने प्रदर्शन को उठाने की कोशिशें तेज कर दी थी। प्रशासन ने धरना स्थल पर नोटिस चस्पा करते हुए वहां की बिजली-पानी की आपूर्ति बंद कर दी थी। बिजली पानी की आपूर्ति बंद किए जाने से आहत हुए भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने घोषणा की थी कि जब तक गांव से किसान पानी लेकर नहीं आएंगे, मैं पानी नहीं पी पियूगां। देर रात 80 किलोमीटर दूर गांव से टैक्ट्रर पर चलकर आये किसान बोतल में पानी लेकर धरना स्थल पर पहुंचे और उस पानी को पीकर चौधरी राकेश टिकैत ने अपनी प्यास बुझाई। इस नजारे को देख मौके पर मौजूद किसान अत्यंत भावुक हो गए। उधर बीती देर शाम प्रशासन की धरना उठाने की कोशिशों के बीच भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के प्रेस के सामने दिए गए भावुक बयान के बाद धरने में जान पड़ गई है। किसानों ने धरना तेज करते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना शुरू कर दिया है। अर्धरात्रि के बाद लगभग 2.00 बजे राष्ट्रीय लोकदल के नेता एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ चौधरी राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे और आरएलडी का पूर्ण समर्थन देते हुए कहा कि हम नेता बाद में पहले किसान हैं। भाकियू और किसानों को रालोद कहीं भी कमजोर नहीं पड़ने देगी। विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिया। जिससे उत्साहित चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान यहां से कहीं नहीं जाएगा और धरना जारी रहेगा। हम सरकार से बात करेंगे। किसान अपने मान सम्मान की लड़ाई लड़ने में खुद सक्षम है।