पुलिस बनी देवदूत-संवार दी चोटिल बेरोजगार अधेड़ की जिंदगी
लुधियाना। पंजाब के लुधियाना में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने सड़क पर बैठे एक चोटिल बेरोजगार अधेड़ व्यक्ति की जिंदगी संवार दी। देखभाल किये जाने के बाद स्वस्थ हुए अधेड को अब जीवनयापन के लिये काम भी मिलने लगा है और हुलिया सुधर जाने पर लोग भी उसे काम पर ले जाने लगे है।
दरअसल सोशल मीडिया पर वीडियो की एक श्रंखला वायरल हुई। जिसमें ट्रैफिक पुलिसकर्मी अशोक चौहान अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर एक अधेड़ व्यक्ति को नहला रहा है, उसके बाल और नाखून काट रहा है, उसकी मरहम पट्टी कर रहा है।
संपर्क करने पर अशोक चौहान ने बताया कि यह व्यक्ति उन्हें अक्सर एक पुल के नीचे बैठा हुआ दिखाई देता था। उन्होंने उससे बात की तो उसने बताया कि वह दिहाड़ीदार मजदूर है। परंतु पैर में चोट के बाद वह काम नहीं कर पा रहा। ट्रैफिक पुलिसकर्मी अशोक चौहान ने महसूस किया कि उसका हुलिया ऐसा था कि कोई उसके पास जाने तक से कतराता था। यह बात दिमाग में आने के बाद अशोक चौहान ने उसका हुलिया बदला, उसकी चोट का उपचार करवाया और उसे खाना खिलाकर कुछ पैसे भी दिये और कहा कि यदि वह काम करना चाहे तो उसे काम दिलाने में मदद की जा सकती है।
अशोक चौहान ने कहा कि वह व्यक्ति काम करना चाहता भी है, बस चोट के बाद काम उसे मिलना बंद हो गया था। इसलिए वह और असहाय सा हो गया।
यह पूछने पर कि इस तरह लोगों की सेवा करने का काम उन्हें सूझा कैसे, क्योंकि आम तौर पर पुलिसकर्मियों को 'सख्त मिजाज' या 'निष्ठुर' माना जाता है, तो अशोक चौहान ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस में होने के कारण वह दिन भर सड़कों पर होते हैं और सबसे पहले किसी की मदद का खयाल उन्हें गरीब बच्चों व बड़ी उम्र के लोगों को भी नंगे पांव देखकर आया और उन्होंने तपती धूप में पैर जलने से बचाने या जाड़े के मौसम में ठंड लगने से बचाने के लिए चप्पल, जूते मुहैया कराने से शुरुआत की। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि एक इंसान ही एक इंसान के काम आता है और एक-दूसरे की थोड़ी सी मदद करने से भी बहुत कुछ ठीक हो सकता है।