नहीं रहे पद्मभूषण विभूषित समाजसेवी- मोदी भी छूते थे पैर

नहीं रहे पद्मभूषण विभूषित समाजसेवी- मोदी भी छूते थे पैर

चंडीगढ़। सरस्वती को पुनः जीवन देने वाले, पद्मभूषण से विभूषित प्रमुख समाजसेवी दर्शन लाल जैन का निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे। बड़े-बड़े नेता व मंत्री समाजसेवी के अंतिम संस्कार में पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

सरस्वती नदी को पुनः जीवित करने में समाजसेवी दर्शन लाल जैन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके प्रयासों के चलते हरियाणा सरकार ने लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी सरस्वती नदी की धारा को यमुनानगर के मुगलवी गांव एवं आदिबद्री से खोज निकाला था। समाजसेवी दर्शन लाल जैन के प्रयासों से ही 31 अप्रैल 2014 को रूलाखेड़ी गांव से सरस्वती नदी की पहली धारा बही थी। आरएसएस के पूर्व प्रांत संघ चालक दर्शनलाल जैन को वर्ष 2019 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया था। वर्ष 2014 में जब नरेन्द्र प्रधानमंत्री बने, तो वे यमुनानगर आये थे। उन्होंने सार्वजनिक मंच पर दर्शन लाल के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था।

सरस्वती नदी को पुनः जीवित करने के साथ ही दर्शन लाल ने बालिकाओं और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षित करने के लिए अथक प्रयास किये। समाजसेवी दर्शन लाल जैन का जन्म 12 दिसंबर 1927 को जगाधरी में उद्योगपति जैन परिवार में हुआ था। उनके परिवार में बेटा दीपक जैन, नीरज जैन, दो बेटियां गीता जैन, नीरा जैन, चार पोतियां नेहा, नुपुर, सुरभि व द्रव्या है। इसके अलावा उनके दो पोते मार्धव व रियंत जैन हैं।

दर्शन लाल के अंतिम संस्कार में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया सहित अन्य कई मंत्री व नेताओं ने शिरकत कर श्रद्धांजलि दी।

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