ऑनलाइन पंजीकरण में गड़बड़ीः 7 के खिलाफ FIR
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि सरकारी क्रय केन्द्रों पर खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर में सात किसानों द्वारा पंजीकरण मेें कई हेक्टयर भूमि पर धान की पैदावार दिखाई गई तथा इसका सत्यापन तहसील से भी कराया गया। पीसीएफ के 4 क्रय केन्द्रों पर इन तथाकथित किसानों द्वारा हज़ारों कुंतल धान बिक्री भी कर दिया गया। ऑनलाइन आकड़ों की समीक्षा के दौरान यह पकड़ में आ गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में किसानों सहित पीसीएफ के चारों क्रय केन्द्र प्रभारी व तीन तहसील कर्मियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जनपद कुशीनगर में 1 किसान द्वारा अपने पंजीकरण प्रपत्र में 421 हेक्टयर भूमि दर्ज की गई और इस पर 22472.98 कुंतल धान की मात्रा सत्यापित भी कर दी गयी। वास्तव में जमीन अन्य कृषक के नाम पर थी, उसका क्षेत्रफल 0.421 मात्र था। यूपीपीसीयू के 2 धान क्रय केन्द्र प्रभारियों द्वारा बिना किसान के प्रपत्र, खतौनी आदि देखे हुए 1064 कुंतल धान की खरीद भी कर ली गयीं। इस पर तथाकथित कृषक व दोनों क्रय केन्द्र प्रभारी व तहसील के कम्प्यूटर ऑपरेटर के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी गयी है।
खाद्य आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 78 एफआईआर (55 केन्द्र प्रभारियों व 85 अन्य व्यक्तियों) तथा 2 सम्भागीय खाद्य नियंत्रक, 2 जिला खाद्य विपणन अधिकारी, 2 जिला प्रबन्धक, पीसीयू, 1 जिला प्रबन्धक, एसएफसी व 1 मण्डी सचिव, 1 क्षे.वि.अ. एवं 36 केन्द्र प्रभारी कुल 50 निलम्बन की कार्यवाही तथा 16 विभागीय कार्यवाही की गई। 37 केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि, 247 केन्द्र प्रभारियों को चेतावनी व 829 कर्मचारियों के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया तथा 99 मिलर/ठेकेदार को नोटिस, 2 लाइसैंस निलम्बन, 5 कर्मचारियों को जेल में बन्द किया गया। उन्होंने बताया कि धान खरीद वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 59.15 लाख मी.टन धान 11,32,755 कृषकों से क्रय किया गया है, जबकि गत वर्ष इस तिथि तक कुल 46 लाख मी.टन की खरीद की गयी थी।