लाट साहब को मारे जूते- भैंसा बोगी पर बैठाया- झाडू से पिटाई

शाहजहांपुर। लाट साहब को जूते मारे जाते हैं। झाड़ू से पिटाई की जाती है। इतना ही नहीं, भैंसागाड़ी में बैठाकर जूतों से मारते हुए उन्हें भ्रमण कराया जाता है। यह विशेष होली सिर्फ शाहजहांपुर में देखने को मिलती है, जो कि सभी के आकर्षण का केन्द्र होती है।

शाहजहांपुर की जूतामार होली का अपना एक अलग ही आकर्षण है। अंग्रेजों ने भारत पर वर्षों तक राज किया। वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के बाद भी अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के किये गये शोषण को भुलाया नहीं जा सकता है। इसी शोषण के विरोध में शाहजहांपुर में विशेष होली मनाई जाती है। इसके तहत सुबह सात बजे लाट साहब की सबसे पहले जूतों से पिटाई की जाती है। इसके बाद उन्हें हेलमेट पहनाया जाता है और फिर लोग उन्हें झाडू से मारते हैं। इतना ही नहीं, बाद में लाट साहब को भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है। इसके बाद शुरू होता है नगर भ्रमण का सिलसिला। लोग भैंसा बोगी पर बैठे लाट साहब की जूतों से पिटाई करते हुए चलते हैं। शाहजहांपुर में तीन स्थानों पर लाट साहब की जूतों से पिटाई करते हुए यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा के प्रति लोगों में विशेष उमाह रहता है।