जैन समाज परिवार सहित मनायेगा आहार त्याग दिवस - जैन एकता मंच
मुज़फ्फरनगर। बीस दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के अवसर पर अपनी मांगों को लेकर आवाज मुखर करते हुए जैन समाज मनायेगा "आहार त्याग दिवस" व हाथ पर काली पट्टी बांध कर अपना विरोध सरकार के प्रति प्रदर्शित करेगा।
गौरतलब है कि अपने धार्मिक स्थलों को लेकर जैन समाज स्वयं को उत्पीड़ित महसूस कर रहा है। जिसमे वर्षो से चल रहे गिरनार तीर्थ के मुद्दे के साथ-साथ ही झारखण्ड प्रदेश में स्थित शिखरजी तीर्थ क्षेत्र को बिना जैनो की इच्छा के पर्यटक क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। शिखरजी तीर्थ से बीस तीर्थंकर भगवान को मोक्ष हुआ है व जैन समाज का मानना है कि शिखरजी को पर्यटक क्षेत्र घोषित कर दिये जाने से यहां की शुद्धता भंग होगी। ऐसे में जैन एकता मंच ने सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया हैं।
इस संबंध में लगातार जैन समाज विभिन्न माध्यमो से अपना विरोध भी प्रदर्शित करते रहे हैं। समाज ने लगातार सरकार के सामने अपनी मांग रखी है परंतु सरकारे इस ओर कोई ध्यान नही दे पा रही है। जैन एकता मंच का मानना है धर्म की इस अवहेलना से पूरे देश का जैन समाज बहुत आहत है व गूंगी बहरी इस सरकार को अपनी आवाज सुनाने के लिये लोकतांत्रिक व गांधीवादी तरीको से आंदोलन का रास्ता अपनाना अब जैन समाज की मजबूरी बन गया है। अगर इस विरोध के पश्चात भी सरकार अपनी कुम्भकर्णी नींद से नही जागती है तो आगे इस आंदोलन को अहिंसात्मक तरीके से ओर तेज किया जायेगा।
जैन एकता मंच पूरे देश के जैन समाज से आहावान करता है कि धर्म व तीर्थो की रक्षा के लिये आगे आएं व बीस दिसम्बर को जिसे अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उसी दिन अपनी एकता व धार्मिक जगरूकता का परिचय देते हुए तथा अपने प्रतिदिन की चर्या यथावत रखते हुए अपने-अपने स्थान पर ही यथासम्भव परिवार सहित एक दिन का सम्पूर्ण अनशन रखे। जिसमे बीमार व्यक्ति शामिल न हो, साथ ही पूरे दिन अपने हाथ पर काली पट्टी बांध कर ही अपने समस्त दैनिक कार्य कर अपना विरोध प्रदर्शित करें। जिसमे प्रत्येक जैन समाज का व्यक्ति वह चाहे व्यापारी,छात्र,नोजवान,महिलाएं, कर्मचारी अथवा कोई भी अन्य समाज का व्यक्ति हो, इसमें सहभागी बनें व साथ ही प्रयास करें कि आपका यह विरोध सरकार के कानों पहुंचे व धर्म की रक्षा हो।