एस0डी0पब्लिक स्कूल में योग दिवस कार्यक्रम का शुभांरभ
मुज़फ्फरनगर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरूआत हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ का उद्देश्य दुनिया के लोगों में योग के द्वारा भौतिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है। एस0डी0पब्लिक स्कूल में भी इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह कार्यक्रम 15 जून से 21 जून तक मनाया जाएगा। कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर 15 जून को प्रसिद्ध नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ एवं योगा एक्सपर्ट डा0 एम0के0तनेजा ने योग का वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया तथा वहाँ उपस्थित सभी लोगों को योग के अनेकों लाभों के बारे में बताया। उन्होंने भ्रामरी, प्राणायाम्, ताड़ासन, उन्न्मुक्त मुद्रा, उदर श्वास, हस्तपादासन, अर्द्धचन्द्राकार तथा ध्यान के बारे में जानकारी दी, इसी के साथ उन्होंने अपने खान पान में बदलाव तथा दिनचर्या में परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। छात्र, उनके अभिभावकगण, शिक्षकगण, कर्मचारीगण सभी इस सत्र से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का प्रसारण फेसबुक लाइव के माध्यम से भी किया गया।
प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डा0 तारिणी तनेजा ने बताया कि महिलाओं के लिए योग अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यदि महिला स्वस्थ रहेगी तभी परिवार स्वस्थ रहेगा। साथ ही उन्होंने खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि हम थोडे से बदलाव से एनीमिया, हाई बल्ड प्रेशर व डाइबिटीज जैसी बीमारियों पर काबू पा सकते है। इस अवसर पर विद्यालय की डायरेक्टर चंचल सक्सेना ने कहा कि योग दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है ताकि वे नियमित रूप से योगाभ्यास कर सके। विद्यालय की प्रधानाचार्या अनीता दत्ता ने कहा कि हमें रोगमुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रतिदिन योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा। कार्यक्रम के अंतर्गत 16 जून से 20 जून तक प्रातःकालीन 7ः00 से 8ः00 बजे कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन योग कराया जाएगा। कार्यक्रम का समापन 21 जून को प्रातः 8ः00 से 10ः00 बजे किया जाएगा। इस अवसर पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता तथा क्विज प्रतियोगिता आयोजित किये जाएगें। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी व्यायाम शिक्षकों के साथ रेनू गोयल, गीता मित्तल, शशीकान्त शर्मा एवं नुपुर गुप्ता, चारू वर्मा, रीतू सैनी आदि अध्यापकगण का विशेष योगदान रहा।