पर्यावरण संरक्षण के लिये शांति भंग में जमानत की है चाहत तो लगाइए 5 पौधे
मुरादाबाद। पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी अनोखी मुहिम चलाने को लेकर मुरादाबाद कमिश्नरी में चर्चित पीसीएस अधिकारी ने शांति भंग के अभियुक्तों से जमानत के बदले पांच-पांच पौधे लगाना अनिवार्य कर दिया है। इतना ही नहीं जमानतियों को भी एक-एक पौधा जरूर लगाना होगा। अगली तारीख पर पौधारोपण की फोटो भी पीसीएस अफसर के सामने प्रस्तुत करनी होगी।
दरअसल लड़ाई झगड़े के छोटे-छोटे मामलों को लेकर थाने पहुंचने वाले लोगों का पुलिस शांति भंग की धाराओं के तहत चालान कर देती है। ऐसे लोगों को जमानत कराने के लिए एसडीएम की कोर्ट में पेश किया जाता है। जहां मुचलका पाबंद की कार्यवाही करने के बाद शांति भंग की आशंका में जेल भेजे गए आरोपियों को छोड़ दिया जाता है। लेकिन धनोरा के एसडीएम मांगेराम चौहान ने सीआरपीसी की इसी धारा को पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर अनोखी मुहिम आरंभ कर दी है। पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान की इसी साल की 28 जनवरी को तहसील में एसडीएम के पद पर तैनाती हुई थी। इससे पहले वह नौगांवा सादात के एसडीएम थे। अपनी इस अनोखी मुहिम के अंर्तगत उप जिलाधिकारी मांगेराम चौहान शांति भंग की आशंका के आरोपी से हरित बंध पत्र भरवाते हैं। उसमें शर्त यह है कि जमानत पर छूटने के बाद आरोपी अपने खुद के खर्चे पर 5 फलदार या छायादार पौधे लगाएगा। जबकि उसके दोनों जमानतियों को भी एक-एक पौधा अपने खर्च पर लगाना होगा। पौधारोपण की फोटो खींचकर पीसीएस अफसर के सामने अगली तारीख पर पेश करनी होगी। अपनी इस अनोखी पहल के माध्यम से पीसीएस अधिकारी अभी तक तहसील क्षेत्र में तकरीबन 10000 पौधे लगवा चुके हैं। पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए एसडीएम मांगेराम चौहान ने वृक्षारोपण को दंड प्रक्रिया में जोड़ने की मांग की है। शासन को पत्र लिखने के साथ ही उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय के अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल को भी इस बाबत पत्र लिखकर भेजा है। एसडीएम मांगेराम चौहान का कहना है कि अगर प्रदेश के सभी एसडीएम शांति भंग में जमानत देते समय वृक्षारोपण की शर्त को शामिल कर लेते हैं तो प्रदेश में पर्यावरण को काफी हद तक संरक्षित किया जा सकता है।