38 दोषियों को देश के इतिहास में पहली बार फांसी की सजा का ऐलान

38 दोषियों को देश के इतिहास में पहली बार फांसी की सजा का ऐलान

नई दिल्ली। गठित की गई विशेष अदालत ने अहमदाबाद में सिलसिलेवार हुए बम विस्फोट के मामले में सजा का ऐलान कर दिया गया है। दोषी ठहराए गए 38 लोगों को अदालत की ओर से फांसी की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कुल 49 लोग दोषी पाए गए थे बाकी बचे लोगों को अदालत द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

शुक्रवार को अहमदाबाद में वर्ष 2008 की 26 जुलाई को सिलसिलेवार हुए धमाकों से शहर के साथ-साथ समूचा इलाका और देशभर के लोग दहल गए थे, में आज विशेष अदालत की ओर से दोषी पाए गए लोगों की सजा का ऐलान कर दिया गया है। अदालत ने दोषी पाए गए 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में कुल 49 लोग दोषी पाए गए थे। बाकी बचे लोगों को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है जब एक साथ इतनी बड़ी संख्या में 38 लोगों को फांसी की सजा अदालत की ओर से सुनाई गई है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या किए जाने के मामले में अदालत द्वारा 26 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में 49 आरोपी दोषी पाए गए थे, जबकि बाकी बचे 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था। अहमदाबाद में हुए इन हमलों में 56 लोग मारे गए थे। और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस्लामी आतंकवादी संगठन हरकत उल जिहाद अल इस्लाम की ओर से इस हमले की जिम्मेदारी ली गई थी। 70 मिनट की अवधि के भीतर सिलसिलेवार 21 बम विस्फोट शहर भर के विभिन्न स्थानों पर किए गए थे। आतंकवादियों ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल को विशेष रुप से अपना निशाना बनाया था।

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