किसान आंदोलनः पिता से मिले धरने पर पहुंचा फौजी
नई दिल्ली। कृषि बिलों को वापिस लेने की मांग को लेकर किसानों का धरना दो माह से अधिक समय से जारी है। वे भी किसानों के ही बेटे हैं, जो सीमा पर देशवासियों की रक्षा करते हैं। इसका जीता जागता परिणाम आज उस समय देखने को मिला, जब फौजी को छुट्टी मिली, तो वह सीधा किसान आंदोलन पर पहुंच गया और धरना दे रहे अपने पिता से जाकर मिला।
सोशल मीडिया पर फौजी बेटे के किसान आंदोलन पर बैठे अपने पिता से मिलने की फोटो वायरल हो रही हैं। ड्यूटी से जैसे ही फौजी बेटे को छुट्टी मिली, तो वह सीधा धरने पर बैठे अपने पिता से मिलने के लिए पहुंच गया। इन फोटो को नागरिकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और कमेंट भी आ रहे हैं। फौजी जो सीमा पर देश की रक्षा करता है, वह भी किसान का ही बेटा है। यह उन लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा है, जो कुछ तथाकथित लोगों द्वारा दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर की गई हिंसा की वजह से सभी किसानों को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। किसान धरती का सीना चीरकर अन्न उपजाते हैं। उसी अन्न के कारण देशवासियों का पेट पलता है। किसान के सामने लाख परेशानियां आती हैं, फिर भी वह खेती करता है और पूरे देश के लिए भोजन का प्रबंध करता है। आखिर उन्हें बदनाम करने की क्या वजह है।
किसान जहां जीतोड़ मेहनत करके अन्न उपजाता है, वहीं उसी किसान का लाल देश की सीमा पर दुश्मन का सामना करता है। किसान ही देश की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा आधार है। किसानों को जो लोग खालीस्तानी कह रहे हैं, उन्हें हजार बार इस बारे में सोचना चाहिए कि वे किसे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं और क्यों?