1 जून को देश में काला दिवस मनाएंगे डॉक्टर
नई दिल्ली। बाबा रामदेव और आईएमए के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिनोंदिन यह विवाद एक नया मोड़ लेता जा रहा है। डॉक्टर जहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पक्ष में है और एलोपैथिक का समर्थन कर रहे हैं, तो वही देश के कुछ लोग बाबा रामदेव का भी समर्थन कर रहे हैं। कुछ लोग एलोपैथी को लेकर यह कहते हैं कि वास्तव में एलोपैथी से इलाज हो रहा है मगर महंगा इलाज भी हो रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मत ऐसा भी है कि आयुर्वेदिक उपचार से भी लोग ठीक हो रहे हैं। कोरोना मरीज को काढ़ा पिलाना आयुर्वेद की श्रेणी में ही आता है।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन FORDA इंडिया का कहना की एलोपैथिक पर बाबा रामदेव का बयान बेहद आपत्तिजनक है। वह डॉक्टर को आहत करने वाला है। इसीलिए 1 जून को पूरे देश में FORDA राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा और काला दिवस मनाएगा।
FORDA इंडिया का कहना है कि कोरोना योद्धा और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ योग गुरु रामदेव के बयानों के विरोध में आवाज उठाने के लिए रोगी की देखभाल में बिना बाधा डाले ही देशव्यापी काला दिवस मनाया जाएगा और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ लेले ने बाबा रामदेव के बयान का विरोध करते हुए, इसे डॉक्टर समुदाय के लिए खेद जनक करार दिया था। डॉ लेले के अनुसार भारत में कोरोना वायरस को रोकने में एलोपैथी सिस्टम ही ठीक काम कर रहा है।मृत्यु डर केवल 3 से 5 फीसदी ही है। इन सभी मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाइयों से ही हो रहा है। मरीज को कभी ऑक्सीजन कमी आई थी, तो कभी वेंटिलेटर की जरूरत होती है। ये सारी सुविधाएं एलोपैथिक सिस्टम में ही होती है। ऐसे में बाबा रामदेव का सवाल उठाना गलत है। आपको बता दें कि बाबा रामदेव को कुछ दिन पूर्व भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा गया था और बाबा रामदेव से कहा था कि अगर वह 15 दिन के अंदर माफी नहीं मांगते है, तो उनके खिलाफ 1000 करोड़ का मानहानि को लेकर केस किया जाएगा।