मरीजों की संख्या बढ़ते ही कोरोना संक्रमितों का ब्यौरा देना बंद

लखनऊ। कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या का आंकड़ा 5000 के पार जाते ही रोजाना के कोरोना संक्रमितोें के आंकड़े सार्वजनिक करना बंद कर दिया गया है। इसके पीछे की वजह भी साफ नहीं की गई है।
राजधानी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आगे बढ़ते हुए लगातार लोगों को अपनी चपेट में लेकर संक्रमित कर रही है। जिसके चलते 1 दिन में मिलने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा 5000 के पार चला गया है। कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ते ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना के आंकड़े सार्वजनिक करना बंद कर दिए गए हैं। टेस्टिंग से जुड़े अधिकारी रोजाना लिए जाने वाले सैंपल का आंकड़ा 28 हजार के करीब होने की बात कहते हैं। परन्तु लिये गये नमूनों में कितने संक्रमित मिले हैं। इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस नई व्यवस्था से राजधानी में संक्रमण की दर का भी ठीक-ठाक पता नहीं चल पा रहा है। साथ ही नई व्यवस्था से इस बात की भी जानकारी नहीं मिल रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग के निर्देश दिए जाने का कितना पालन हो रहा है।
13 अप्रैल को पहली बार राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 5000 के पार जा पहुंचा था। इसके बाद से लखनऊ में लिए जाने वाले सैंपल का आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। खास बात यह है कि प्रदेश स्तर पर लिए जाने वाले आंकड़े रोजाना जारी किए जा रहे हैं। लेकिन लखनऊ के आंकड़ों को छिपाने की कोशिश की जा रही है। उत्तर प्रदेश में रोजाना तकरीबन पौने दो लाख कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। इस संबंध में सीएमओ डॉ संजय भटनागर से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
