किसान आंदोलन-100 दिन पूरे होने पर नाकेबंदी की योजना
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को 100 दिन पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन आंदोलन के समाप्त होने का कोई रास्ता दूर तक भी दिखाई नहीं दे रहा है। सिंघु बॉर्डर पर धरना देकर बैठे हुए किसानों ने ऐलान किया है कि वह अब आंदोलन को और अधिक तेज करेंगे।
किसान संगठनों ने 6 मार्च की सवेरे 11.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक केएमपी एक्सप्रेस-वे पर यातायात रोकते हुए विरोध जताने का फैसला किया है। इसके अलावा 6 मार्च से देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम किसानों द्वारा आयोजित की जाएंगे। आंदोलन से युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने का प्रयास किसान नेताओं द्वारा किया जा रहा है। उधर आंदोलन स्थल पर गर्मी से मुकाबले के लिए पंखें कूलर और एसी लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा पीने के पानी की छबील और गन्ने के रस की व्यवस्था आंदोलनकारी किसानों के लिए की गई है। प्रदर्शन स्थल पर किसानों ने बोरवेल भी लगवा लिया है।
जीटी करनाल रोड पर पुलिस ने पहले से ही बैरीकेडिंग करते हुए दिल्ली की तरफ से रास्ता बंद कर रखा है। अब सिंघु बॉर्डर के बीच में से चैकी की तरफ जाने वाले रास्ते को भी सीमेंट के बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया है। यहां से केवल पैदल और दोपहिया वाहन सवारों को ही जाने की अनुमति दी गई है। कार समेत अन्य चार पहिया वाहनों को जोंती टोल से जीटी करनाल रोड पर जाने का रास्ता दिया गया है। सिंघु गांव के रास्ते में गांव वालों ने खेतों में पानी देने के लिए दो जगह खुदाई करते हुए रास्ता अवरूद्ध कर दिया है।
रास्ते बंद होने से आसपास के गांव के लोगों और जीटी रोड का इस्तेमाल करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। धरना स्थल पर बैठे किसानों का जोश अभी तक पहले की तरह ही बरकरार हैं। युवा किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर नारे लगाते दिखाई देते हैं। बुजुर्ग हाथ में बैनर लेकर पैदल चलते हैं। पारंपरिक पोशाक में हरियाणा के जींद, करनाल, सोनीपत आदि गांव से आई महिलाएं किसानों का उत्साह बढ़ाती दिखाई देती है। मन से किसान नेता आगे की रणनीति बताते हुए अधिक से अधिक लोगों खासकर युवाओं को प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित होने की अपील कर रहे हैं।