अंतिम संस्कार कर रही भटिटयां थकी-काम करने से किये हाथ खडे
आगरा। चारों तरफ अपना कहर बरपाते हुए लोगों को अपनी चपेट में लेकर उन्हें मौत के आगोश में ले जा रही कोविड-19 महामारी ने विद्युत शवदाह गृह की चार भटिटयों को ठप्प कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कहर के बीच शवों को जलाने के लिए दिन-रात धधकती रही विद्युत शवदाह गृृह की चारों भटिटयों ने आज अपने हाथ खड़े करते हुए काम करना बंद कर दिया है। इससे लकड़ी वाले शवदाह गृहों पर एकाएक दबाव बढ़ गया है।
बुधवार को आगरा के विद्युत शवदाह गृह में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लगाई गई चारों भटिटयों ने काम करना बंद कर दिया। ताजगंज शमशान घाट के विद्युत शवदाह गृह पर अंतिम संस्कार के लिये चार भटिटयां लगाई गई है। इनमें से दो भटिटयों ने सोमवार की रात को ही काम करना बंद कर दिया था। बुधवार को अंतिम संस्कार करते करते दो अन्य भटिटयों ने भी हाथ खड़े करते हुए काम करना बंद कर दिया। चारों भटिटयों के ठप्प हो जाने से लकड़ी वाले शवदाह गृह पर एकाएक शवों को जलाने का दबाव बढ़ गया है। सवेरे से ही श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए शव पहुंच रहे हैं। मंगलवार को रोजाना कम से कम 30 शवों के आने पर भी लोगों को 4 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव कुमार गुप्ता ने बताया है कि 1 हफ्ते में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब शवदाह गृह पर 30 शव ही पहुंचे हैं। इससे पहले 15 दिनों में 2 दिन छोड़कर हर रोज 40 से 50 शव अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह पहुंच रहे थे। मंगलवार को कम संख्या में शव पहुंचने के बाद भी अंतिम संस्कार के लिए लोगों को 4 घंटे का इंतजार करना पड़ा।