साल 2020: ये साल नहीं आसां बस इतना समझ लीजे

साल 2020: ये साल नहीं आसां बस इतना समझ लीजे

नई दिल्ली। देश में सिर्फ कोरोना महामारी ही नहीं है जो कहर मचा रहा है अभी, हाल ही में टिड्डियों का कहर यूपी और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में देखने को मिला वहीं अब एक नई आफत तबाही मचा रही है वो है बारिश। देश में मैदानों से लेकर पहाड़ों तक पर मौसम की मार पड़ रही है। पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है तो वहीं कई मैदानी राज्यों में बाढ़ से हाहाकार मचा है। देश में 'कोरोना' संक्रमण से होने वाली मौतों के अलावा लगातार भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली आदि से जान-माल की भारी हानि हो रही है और इनमें सबसे अधिक सम्पत्ति की हानि तथा मौतें बाढ़ से हो रही हैं। अभी मानसून की शुरुआत ही हुई है और देश के 13 राज्यों में बाढ़ के कारण 700 से अधिक लोगों की मौत तथा लाखों लोग बेघर हो गए हैं।

बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में बंगाल, असम, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं तथा मृतकों की संख्या और बढने की प्रबल आशंका है क्योंकि आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, नगालैंड और तेलंगाना आदि की सरकारों को अपने यहां बाढ़ की स्थिति से हुई क्षति के बारे में रिपोर्ट अभी केंद्र सरकार को देनी है। बिहार के एक दर्जन से अधिक जिले जलमग्न हो चुके हैं। यही नहीं नेपाल द्वारा गंडक नदी में पानी छोड़ने के कारण बिहार में सारण तथा चंपारण तटबंध कई जगह टूट जाने से 34 गांव डूब गए हैं और कई जगह पानी बांध के ऊपर से बहने लगा जिससे स्थिति और खराब हो गई है।

बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन, पुल और बांध आदि टूटने के कारण हालात और बिगड़ जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं तथा पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों का संपर्क देश के अनेक हिस्सों से कट गया है। असम में 28 जिले जलमग्न हो चुके हैं। वहां तटबंध टूटने से सैंकड़ों गांव टापुओं में बदल गए हैं, इंसानी जान-माल की क्षति के साथ-साथ बड़ी संख्या में वन्य जीव भी काल का ग्रास बने हैं। अकेले काजीरंगा नेशनल पार्क में ही 137 से अधिक वन्य जीवों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है।

देश के कई हिस्सों में इन दिनों लगातार बारिश जारी है, जिसके चलते लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी काफी प्रभावित हो रही है। इतना ही नहीं, फसलें बर्बाद हो रही हैं और लोगों के घरों में भी पानी भर गया है। एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ बारिश का लोग सामना कर रहे हैं। सन 2020 में लोगों ने उम्मीद लगाई थी कि ये साल बेहतरीन जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सालभर में इतनी भयावह घटनाएं लोगों ने एक साथ देखी हैं कि ये साल कई सालों तक लोगों को याद रहेगा। अभी साल के सिर्फ 7 महीने बीते हैं लेकिन इतनी कुदरती आपदाएं किसी ने नहीं देखी होंगी। साल की शुरुआत ही बीमारी से हुई थी। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है, जूझ रही है। पिछले साल नवंबर में चीन से शुरू हुए इस वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है। अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 1.8 करोड़ के आंकड़े पर पहुंच गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक आपातकाल घोषित किए जाने के 6 महीने के बाद इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या 6 लाख 87 हजार से भी ज्यादा हो गई है। यह आंकड़े 2 अगस्त की रात तक के हैं।

इस महामारी के दौरान ही कई देशों ने टिड्डी दलों का हमला भी झेला। जून-जुलाई में टिड्डी दल के हमले ने लोगों को खूब परेशान किया। इन छोटी-छोटी टिड्डियों ने 16 देशों को हिलाकर रख दिया। ये देश हैं- भारत, नेपाल, पाकिस्तान, ईरान, सोमालिया, केन्या, कॉन्गो, जिबौती, एरिट्रिया, इथियोपिया, दक्षिण सूडान, सूडान, युगांडा, यमन, अर्जेंटीना और पराग्वे। इन्होंने हजारों एकड़ में खड़ी फसलें चट कर दीं। तो वहीं इसी साल भारत के अलग-अलग हिस्सो में लगातार भूकंप की घटनाएं दर्ज की गईं। अब तक पूरी दुनिया में 6869 भूकंप के झटके लग चुके हैं। इनमें से 5 भूकंप 7.0 से 7.9 के बीच के हैं। 53 झटके 6.0 से 6.9 के बीच के हैं। 693 भूकंप 5.0 से 5.9 के बीच के हैं और बाकी 6118 झटके 4.0-4.9 तीव्रता के बीच के हैं। इन भूकंपों से अब तक दुनियाभर में 75 लोग मारे जा चुके हैं। सबसे तगड़ा भूकंप जमैका में 28 जनवरी को आया था। इसकी तीव्रता 7.7 थी लेकिन इसमें लोग मारे नहीं गए। वहीं, तुर्की में 24 जनवरी को आए 6.7 तीव्रता के भूकंप ने 41 लोगों की जान ले ली थी।

इस प्रकार हम देख रहे हैं कि साल 2020 में देश एक के बाद एक चुनैतियों का सामना कर रहा है तो इसी क्रम में बात कर ली जाए अम्फान व निसर्ग की। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने जिंदगी को अस्त-व्यस्त करके रख दिया था। चक्रवाती तूफान अम्फान से 128 लोग मारे गए। चक्रवात इतना ताकतवर था कि इसकी वजह से 240 से 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से हवाएं चल रही थीं। इसकी वजह से 1.01 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इससे भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान प्रभावित हुए। तो वहीं जून के महीने में महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवाती तूफान निसर्ग की दस्तक ने लोगों की धड़कनें बढ़ा दी थीं।

साल 2020, ऐसा साल जो मुसीबतों से भरा है। हर वर्ग का व्यक्ति इस वर्ष मुसीबतों का सामना करता दिखाई दे रहा है। कोरोना महामारी, अम्फान चक्रवात, निसर्ग चक्रवात, भूकंप और न जाने कितनी आपदाएं.... यह साल वाकई में बेहद मुश्किल है। वैसे तो नास्त्रेदमस ने 500 साल पहले ही सन 2020 के विनाशकारी होने की चेतावनी दे दी थी। उनकी भविष्यवाणियों के मुताबिक कुछ इस तरह की घटनाएं होने की आशंका है- कई देशों में आपस में टकराव बढ़ जाएंगे और दुनिया के सामने शताब्दी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट आ सकता है। दुनिया के बड़े देशों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग सड़कों पर उतर आएंगे। दंगे होने लगेंगे। रूस में किसी बड़े नेता की हत्या की कोशिश की जा सकती है। जिससे भारी उथलपुथल मचेगी। जबकि अमेरिकी के राष्ट्र प्रमुख को निजी तौर पर बड़ा नुकसान होने की आशंका है। सन 2020 के दौरान तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी जताई गई है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का समर्थन वर्तमान ज्योतिषीय गणनाओं ने भी किया है।

किसी भी विश्वयुद्ध के पीछे कोई एक कारण नहीं होता। बल्कि पिछले काफी सालों से चली आ रही वैश्विक गतिविधियों की वजह से महायुद्ध की शुरुआत होती है। जैसे पहले विश्वयुद्ध में ऑस्ट्रिया के राजकुमार आर्कड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेन्ड की हत्या या फिर दूसरे विश्वयुद्ध में पोलैंड पर जर्मनी का हमला। दुनिया में युद्ध भड़कने में सबसे अहम कारण वर्चस्व या फिर आर्थिक होते हैं। पिछले कुछ सालों से चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार जारी था। इसे बड़ी मुश्किल से खत्म किया गया था लेकिन तभी दुनिया के सामने कोरोना वायरस जैसी महामारी आ गई। अमेरिका ने इसके प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार माना है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से उलझी हुई है लेकिन दक्षिण चीन सागर में चीन की सेना अपना प्रभुत्व बढ़ाने में जुट गई है। इसकी वजह से वहां तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और चीन की आर्थिक जंग दुनिया में विश्वयुद्ध छिड़ने का बड़ा कारण बन सकता है।

(नाज़नींन-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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