मेरी लफ्जों, मेरी कविता– प्यार का एक सबक ऐसा भी होता है,

मेरी लफ्जों, मेरी कविता–  प्यार का एक सबक ऐसा भी होता है,

प्यार का एक सबक ऐसा भी होता है,
यदि किसी का मकसद हमको पता होता है,,
किसी का हमसे मतलब हमारा एक सबक होता है,
प्यार करने वाले हर व्यक्ति को एक बार धोखा जरूर मिलता है,,
उसी से कोई संभलता है और कोई बिगड़ता है,
ये शब्द मेरी कलम ने नहीं, किसी को मिले सबक से लिखा है!!

एक अजनबी किसी की आदत बन गया,
जिंदगी में उसकी सवालों के बाजार बनकर चला गया,,
यदि आपको ये मोह वाला प्यार किसी से हो गया,
मानो या न मानो! जिंदगी में बर्बादी यहाँ से ही आती है,,
आपका भी जिंदगी में बर्बाद होने का वक़्त आ गया,
हां ये मैंने लिखा है किसी से प्यार नहीं किया पर,,
सबक मैंने मोहब्बत करने से पहले ही सिख लिया!!

होता कुछ ऐसा भी है कुछ भी कहा हो या कुछ भी सुना गया हो,
किसी के लिए मंजिल और रस्ते न बदलो,,
जो उस तक जाते है उन लकीरो को बदल लो,
ये शब्द मैंने किसी और से नहीं खुद से सीखा है,,
अपना स्ट्रगल सिर्फ मैंने अपने नाम से लिखा है!!

रिपोर्टर/कवयित्री= मेघा गुप्ता





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