तिलक लगाने की परंपरा पर लगा ब्रेक- जाने वजह
गोरखपुर। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते विजयदशमी के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिर में तिलक लगाने की परम्परा पर ब्रेक लग गया।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को उनकेे आवास के तिलक हाल में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री ने लोगों को आशीर्वाद तो दिया लेकिन आशीर्वाद में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखा गया और किसी को कोरोना महामारी को देखते हुए तिलक नहीं लगाया गया जबकि इसके पूर्व में तिलक लगाकर आशीर्वाद देने और पैर छूकर आशीर्वाद लेने की परम्परा थी। यह कार्यक्रम लगभग दो घंटे से अधिक चला।
इसके बाद गोरक्षपीठाधीश्वर की परम्परागत विजय शोभा यात्रा में इस बार विजय रथ की जगह कार का प्रयोग किया गया। मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर से कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर अपने विजय रथ की जगह अबकी बार कार पर सवार होकर स्थानीय अंधियारी बाग रामलीला मैदान पहुंचे और वहां भगवान राम का राजतिलक किया। योगी ने भगवान राम , लक्ष्मण और माता सीता की आरती भी उतारी।
मंदिर के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि आज देर रात गोरखनाथ मंदिर में पात्र पूजा आयोजित की गयी जिसमें गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ दन्डाधिकारी की भूमिका में थे। योगी आदित्यनाथ योगियों के समस्याओं की सुनवायी की। इस पूजा में नाथ सम्प्रदाय के योगी, पूजारी और शिष्य शामिल हुये।
उन्होंने बताया कि देश में स्थित नाथ सम्प्रदाय मंदिरों में अच्छा कार्य करने वाले पुजारियों को सम्मानित किया गया।
गोरखपुर तथा आस पास के क्षेत्रों में आज विजयदशमी के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के मां दुर्गा के पांडालों में स्थापित मूर्तियों के विसर्जन के कार्य आज से कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो गया है जो कल रात तक जारी रहेगा।
इस वर्ष भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थित राप्ती नदी में विसर्जन न न किये जाने के मददेनजर विभिन्न स्थानों पर अस्थायी तालाब बनाये गये हैं जहां विसर्जन के कार्य किये जा रहे हैं। कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
वार्ता