हाथरस में चढ़ी तो राजस्थान में डरी कांग्रेस

हाथरस में चढ़ी तो राजस्थान में डरी कांग्रेस

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित बालिका से दुराचार और हत्या के मामले में कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर धावा बोल दिया था। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने पीड़ित के परिवार के मिलने के लिए हाइवे पर जमकर हंगामा काटा। इसी बीच राजस्थान में जमीन के विवाद में एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया। इस मामले को लेकर वहां की मुख्य विपक्षी भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार को घेर लिया। कांग्रेस यहां पर डिफेन्सिव मोड़ में आ गयी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हालांकि कह रहे हैं कि एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन भाजपा इसे पालघाट-2 बनाकर पेश कर रही है।

राजस्थान में पुजारी को जिंदा जलाने के मामले में सियासत तेज हो गई है। ब्राह्मण महासभा और बीजेपी के चैतरफा हमले के बाद राजस्थान सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है, इस बीच सरकार ने मुकदमे में धारा 302 जोड़ते हुए आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि उसके बेटे अभी भी पकड़ से बाहर हैं। इस बीच सपोटरा थाना के एसएचओ हरजी लाल यादव ने कहा कि यह तय नहीं है कि पुजारी ने खुद आग लगाई या फिर आरोपी कैलाश मीणा ने आग लगा ली, इसकी तफ्तीश की जा रही है। एसएचओ हरजी लाल यादव के इस बयान पर ब्राह्मण महासभा ने जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि पुजारी के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन का आवंटन किया जाए। परिवार ने जब शव लेने से मना कर दिया तो ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा और जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने वार्ता कर समझाया और फिर परिवार शव को लेकर गांव के लिए रवाना हुआ। पुजारी की पत्नी विमला ने कहा कि जमीन का आवंटन किया जाए और इसके अलावा हमारे एक बेटी की शादी नहीं हुई है तो उसकी शादी कराई जाए। साथ ही उनके एक बच्चे को नौकरी दी जाए।

करौली जिले के एसपी मृदुल कछवाहा ने बताया कि 24 घंटे के अंदर आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुकदमे में धारा 302 जोड़ दी गयी है। उसके बेटों की गिरफ्तारी की 2 दिन पहले राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा थाने के बुकना गांव से मंदिर माफी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था जिसमें पुजारी मंदिर की जमीन पर घर बनाना चाह रहे थे। गांव के पंच पटेलों ने पुजारी को वह जमीन दे दी थी और 15 दिन पहले ही पहाड़ी के नीचे जमीन को उसने समतल किया था। हालांकि उस जमीन पर कैलाश मीणा का परिवार दावा कर रहा था। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष में झगड़ा हो गया और वहां पर जो बाजरा काट कर रखा हुआ था, उसमें आरोप है कि आरोपी कैलाश मीणा ने आग लगा दी और पुजारी बाबूलाल को धकेल दिया। बाबूलाल उस आग में बुरी तरह से झुलस गए तो उन्हें करौली के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर हालात सीरियस होने पर जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन 8 अक्टूबर की रात उनकी मौत हो गई।

इसी पर अब सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में न महिलाएं सुरक्षित हैं न लड़कियां सुरक्षित हैं और न ही पुजारी सुरक्षित है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस वारदात को लेकर कहा है कि सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य के लिए कोई जगह नहीं है। घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

सीएम गहलोत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, सपोटरा, करौली में बाबूलाल वैष्णव जी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है, सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है। प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासन के बावजूद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा, करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जला देना राजस्थान की दुर्दशा का हाल बता रहा है। अशोक जी राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हैं या राज्य जिहादियों को सौंप दिया है या इसका भी ठीकरा अपने राजकुमार की तरह मोदी जी या योगी जी पर फोड़ोगे?

दरअसल ये पूरा मामला जमीन पर कब्जे को लेकर है। आरोप है कि दबंगों ने जमीन पर कब्जा करने के मामले में पुजारी को जलाकर मार डाला। इसके बाद परिवार जयपुर के एमएसएस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गया। जयपुर और करौली जिले के पुजारी और ब्राह्मण समाज इस वारदात को लेकर काफी नाराज हैं। ब्राह्मण समाज, पुजारी संघ, बजरंग दल, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई है।

जमीन विवाद को लेकर मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने भी राज्य की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाना बनाया है। राज्यवर्धन राठौड़ ने इस घटना को लेकर कहा कि राजस्थान के अंदर आज कोई सुरक्षित नहीं है। जो सरकार महिनों तक पांच सितारा होटल में रहती है वह अपनी ही सुरक्षा कर सकती है, जनता की नहीं।

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान का नाम धूमिल होता जा रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में राजस्थान महिला उत्पीड़न के मामले में नंबर वन है। पूरे राजस्थान का नाम धूमिल हो रहा है जबकि यह हमेशा से एक मर्यादित प्रदेश माना जाता रहा है। चाहे घर का आंगन हो या रणभूमि हो, मर्यादा न छूटे, हमेशा से यह राजस्थान का लक्ष्य रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, जो कि बीजेपी शासित प्रदेशों में पॉलिटिकल पर्यटन करते हैं, से मैं आग्रह करूंगा कि वे जरा राजस्थान पर ध्यान दें। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले किसी के लिए कहा था नकारा निकम्मा, आज राजस्थान की सरकार इन शब्दों पर आत्मचिंतन करे और राजस्थान की जनता को सुरक्षित रखे। बहरहाल यूपी के हाथरस में बढ़चढ़कर बोलने वाली कांग्रेस राजस्थान में बचाव की मुद्रा में है।(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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