लॉकडाउन में ड्यूटी नहीं की तो हो सकते हैं सस्पेंड
चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को लेकर जहां कर्मचारी और अधिकारी फ्रंट लाइन पर खड़े होकर अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। वहीं कुछ ऐसे कर्मचारी भी थे जोकि अपनी कोरोना ड्यूटी को नहीं कर रहे थे। सूबे में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए मुख्य रूप से तीन विभागों के कर्मचारी मैदान में उतरे हुए थे। इनमें पुलिस, स्थानीय निकाय और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शामिल थे। लेकिन अब सरकार के नोटिस में आया है कि करोना रोकथाम के लिए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी उनमें से कई कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे। अब सरकार ऐसे कर्मचारियों का पता लगा कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा कुछ कर्मचारियों द्वारा अपनी ड्यूटी कटवा भी ली गई थी। लेकिन अब यह सारे कर्मचारी सरकार की राडार पर आने वाले हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को लेकर विभागों को लिखा जाएगा। अगर ड्यूटी कटवाने वाले कर्मचारियों के कारण सही पाए गए तो कार्रवाई से बच जाएंगे नहीं तो कार्रवाई होकर ही रहेगी।
कोविड-19 को लेकर जिला स्तर पर ड्यूटियां लगाई गई थी। इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग के पास अपने कर्मचारियों का और जिला प्रशासन के पास दूसरे विभागों के कर्मचारियों का डाटा है। इसके लिए सरकार ने सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जनों से यह डिटेल मांगी जाएगी कि उनके जिले में कितने कर्मचारियों की कोविड की रोकथाम को लेकर ड्यूटी लगाई गई थी और कितने कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर हाजिर थे साथ ही कितने और किस किस कर्मचारी ने अपनी ड्यूटी कटवाई। इस लिस्ट में ड्यूटी कटवाने की वजह को भी बताना होगा।
ऐसा नहीं है कि जिन कर्मचारियों ने जानबूझ कर अपनी ड्यूटी कटवाई या ड्यूटी से गैर हाजिर रहे उनको अधिकारियों द्वारा डांट डपट कर छोड़ दिया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि दूसरे कर्मचारियों को भी सबक मिले। इसके लिए ऐसे कर्मचारियों को न केवल सस्पेंड किया जाएगा बल्कि विभागीय कार्रवाई का सामना भी करना पड़ेगा। इतना ही नहीं विभाग की ओर से ऐसे कर्मचारियों की एसीआर में भी यह बात दर्ज की जाएगी कि कर्मचारी ने कोविड महामारी को लेकर अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई। यह बात सर्विस रिकार्ड में दर्ज होने के बाद कर्मचारी की प्रमोशन पर भी इसका असर पड़ेगा। सरकार एवं विभागों को ऐसी कई शिकायतें मिली थी। मामले को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सख्त है।
कर्फ्यू लगाए जाने के बाद सचिवालय में केवल एस्सेशनल ब्रांचों के कर्मचारियों और अधिकारियों को ही ड्यूटी पर बुलाया जा रहा था। बाकी के कर्मचारियों को वर्क फ्राॅम होम दिया गया था। इसके बाद भी कुछ और नाॅन एस्सेशनल ब्रांचों के कर्मचारियों को भी रोटेशन पर बुलाना शुरू कर दिया था। लेकिन इस दौरान कई कर्मचारी नहीं आए और कर्फ्यू की वजह से कोई साधन नहीं मिलने को ड्यूटी पर नहीं आना वजह बताया था। लेकिन इसके बाद दूर दराज के इलाकों और गांवों में रहने वाले कर्मचारियों के लिए स्पेशल बस के जरिए आफिस लाने की बात भी हुई। लेकिन यह कर्मचारी तब भी नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब इन कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है। इनके हाथों मे जल्द ही विभाग की ओर से जारी नोटिस होगा।
(मोहिता स्वामी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)