धान के सीजन में सीधे किसानों के खातों में आएगी रकम
चंडीगढ़। धान के सीजन में हरियाणा सरकार खरीद का पैसा किसानों के खाते में सीधेे भेजेगी। विभागीय बैठक में गुरुवार को इस संबंध में फैसला लिया गया। गेहूं के सीजन में हुई दिक्कतों के बाद अब धान के सीजन में उन कमियों को सुधारने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इशारा भी किया था कि धान की खरीद में वह दिक्कतें नहीं आएंगी। जो गेहूं खरीद में आई हैं।
बहरहाल इस सीजन में किसानों के खाते में सीधे भुगतान होगा। इसके अलावा गेहूं की फसल का जो भुगतान किसानों के खाते में देरी से गया है। उसका ब्याज सरकार वसूलेगी। इस बार आढ़तियों के माध्यम से यह राशि दी गई थी, जिसमें विलंब हुआ है। इस कारण सरकार की किरकिरी हुई है। अब विलंब का ब्याज आढ़तियों से वसूलने की तैयारी है। इसका फार्मूला तैयार किया जा रहा है।
तीन दिन से अधिक विलंब होने के मामले में सरकार को ब्याज देना पड़ेगा। आढ़तियों के दबाव में आकर सरकार ने इस बार तो फैसला ले लिया, जिसके चलते विपक्ष को यह मुद्दा मिल गया। विपक्ष ने इस बात को मंडियों में जाकर प्रचारित किया कि किसानों के खाते में पैसा नहीं जा रहा। जबकि सरकार यह कहती रही कि एक-एक पाई किसानों के खाते में जाएगी।
इसके अलावा इस बात पर भी पूरा जोर है कि आने वाले सीजन में डिजिटलीकरण को किस तरह से बढ़ावा देकर मंडियों में ऑनलाइन खरीद को सुचारु बनाया जाए। मंडियों में सुविधाएं बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। कोराना की सावधानियों को देखते हुए भी धान के सीजन में खरीद के विशेष इंतजाम किए जाएंगे। सोशिल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन को लेकर भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे।
अनाज मंडियों में मक्का खरीद के दौरान किसानों को नमी संबंधी कोई दिक्कत नहीं होगी। किसानों को राहत देते हुए सरकार ने मंडियों में मक्का ड्रायर की व्यवस्था करवाने का फैसला लिया है। ताकि मक्के की फसल को अच्छी तरह सुखाने के बाद खरीद की जाए। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने बताया कि राज्य की अनाज मंडियों में मक्का-ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को भूजल के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार ने 'मेरा पानी, मेरी विरासत' नामक एक महत्वाकांक्षी एवं दूरगामी योजना शुरू की है। जिसके अंतर्गत किसानों को मक्का बाजरा व अन्य वैकल्पिक फसलें लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा मक्का को न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। कृषि विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर मक्का के प्रदर्शन-प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर अथवा कृषि विभाग के जिला स्तर के अधिकारी से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं।
(मोहिता स्वामी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)